व्यापारिक नगरी सालमारी में नहीं हो सका विकासफोटो नं. 50 से 61 कैप्सन-कूड़े का लगा ढेर व आमलोगों की प्रतिक्रिया -विधानसभा चुनाव . राजनीतिक दलों के एजेंडे से स्थानीय मद्दे गायब-बाजार में जलजमाव, सड़क व शिक्षा की बदहाल स्थितिप्रतिनिधि, आजमनगरआजमनगर का सालमारी बाजार का विकास नहीं हो सका है. सालमारी के विकास के लिए जनप्रतिनिधियों ने कभी कोई ध्यान भी नहीं दिया. आमलोगों के लिए मूलभूत सुविधाओं में रोटी, कपड़ा व मकान शामिल है. इसके बाद स्वच्छता, सुलभ शौचालय, बिजली, लौहमुक्त पानी की भी आवश्यकता होती है. उक्त व्यवस्था सालमारी बाजार में अस्त-व्यस्त हालत में है. इस ओर जनप्रतिनिधियों ने ध्यान नहीं दिया. विकास के इस अंधी दौड़ में सालमारी व्यापारिक नगरी में ओपी, स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक, उच्च विद्यालय, महाविद्यालय, मध्य विद्यालय तक हैं. रोजाना लोग न्याय की गुहार लगाने ओपी आते हैं. बैंक, विद्यालय, महाविद्यालय में बच्चे शैक्षणिक कार्य के लिए दूर-दराज से रोजाना हजारों की तादाद में आते हैं. इस बीच अगर किसी को थोड़ी देर के लिए विश्राम करना व शौचालय जाना पड़े तो एक अदद शौचालय व मुसाफिरखाना को मोहताज है. सालमारी बाजार में एक सामुदायिक भवन तो है. लेकिन, उस पर सालमारी पुलिस का कब्जा है. बाजार में जल-जमाव की समस्या बरकरार है. उक्त समस्या को दूर कराने का प्रयास नेताओं ने नहीं किया. इस ज्वलंत मुद्दे पर प्रभात खबर को आमलोगों ने प्रतिक्रिया दी है. जिसमें सभी ने सालमारी का विकास नहीं होने के लिए जनप्रतिनिधियों को जिम्मेवार ठहराया है. कहते हैं आमलोग सालमारी निवासी अंकेश सिंघानियां ने कहा कि व्यापारिक नगरी सालमारी में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. विकास चंद्र झा ने बताया कि मुख्य बाजार सालमारी में सबसे विकट समस्या सुलभ शौचालय की है. इससे खास कर महिला वर्गों को ज्यादा परेशानी होती है. लड्डू सिंघानियां ने कहा कि विकास के इस अंधी दौड़ में और विकास कार्य की दरकार है. सुनील सिंह बताते हैं कि सालमारी बाजार नेताओं की उदासीनता के कारण कई समस्याओं से पीडि़त है. गफ्फार साहब ने कहा कि नेताओं द्वारा विकास करने वादे किये जाते हैं. वादों का क्या वादे तोड़ने के लिए करते हैं. मदन जी ने कहा सालमारी मुख्य बाजार सुलभ शौचालय तक नहीं है. बाहर से आनेवाले महिलाओं को ज्यादा परेशानी होती है. प्रकाश राय ने बताया कि नेताओं की उपेक्षा के कारण सालमारी का पूर्ण विकास होना अभी और बाकी है. शंकर साह ने कहा थोड़ा और विकास कार्य की दरकार सालमारी में महसूस की जाती है. संतोष अग्रवाल ने बताया कि सालमारी में विकास कार्य के नाम पर सिर्फ और सिर्फ बकवास हुआ है. बसंत कुमार ने कहा कि बरसात के मौसम में मुख्य बाजार की स्थिति नारकीय हो जाती है. विजय भगत ने कहा कि सालमारी मुख्य बाजार से सटे एक बड़े तालाब में पूरे बाजार का कचड़े का निस्तारण होता है. उसी के सामने सालमारी ओपी संचालित है.
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व्यापारिक नगरी सालमारी में नहीं हो सका विकास
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