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अमदाबाद के रास्ते बंग्लादेश पहुंच रहा मवेशी

अमदाबाद : प्रखंड के रास्ते से भारी पैमाने पर मवेशी बंग्लादेश पहुंच रहा है. इससे प्रखंड में लगातार पशुधन घट रही है. ज्ञात हो कि अमदाबाद प्रखंड समीपवर्ती राज्य पश्चिम बंगाल व झारखंड से सटा हुआ है. अमदााबाद प्रखंड से महज करीब दो किलोमीटर की दूरी पर गोविंदपुर में व प्रखंड के चौकिया पहाड़पुर पंचायत […]

अमदाबाद : प्रखंड के रास्ते से भारी पैमाने पर मवेशी बंग्लादेश पहुंच रहा है.

इससे प्रखंड में लगातार पशुधन घट रही है. ज्ञात हो कि अमदाबाद प्रखंड समीपवर्ती राज्य पश्चिम बंगाल व झारखंड से सटा हुआ है. अमदााबाद प्रखंड से महज करीब दो किलोमीटर की दूरी पर गोविंदपुर में व प्रखंड के चौकिया पहाड़पुर पंचायत में मवेशी का हट लगता है,

जो दोनों ही हाट पश्चिमटोला से सटा है. गोविंदपुर हाट से कीब पांच सौ मीटर की दूरी पर महानंदा नदी है, जहां घाट चलता है. नदी के उसपार पहुंचते ही मीटर चलने के बाद बंगाल सीमा में लोग प्रवेश कर जाते हैं. उधर चौकिया पहाड़पुर, पंचायत के दीनाराम टोला व मुसहरी टोला (भगवान टोला) के समीप मवेशी का हाट लगता है.

जहां से पश्चिम बंगाल की सीमा महज दो से तीन सौ मीटर है. इन दोनों हाटों में व्यापक पैमाने पर गाय, बैल, भैंस आदि मवेशी का खरीद-बिक्री धड़ल्ले से की जाती है.

इस मवेशी के बाजारों में प्रखंड क्षेत्र के लोग अपना मवेशी बेचने आते हैं. वहीं सवारी गाड़ी एवं मवेशी की खरीद-बिक्री की जाती है. जानकारों ने बताया कि गोविंदपुर में जो हाट लगता है, वह हाट सरकारी लिस्ट में नहीं है. स्थानीय लोगों द्वारा अवैध ढंग से वहां पर हाट लगाया जाता है.

कहां से पहुंचता है इन हाटों में मवेशी
कटिहार जिला के खेरिया हाट एवं झारखंड के सकरी गली, महराजपुर दियारा से इस हाट में मवेशी के धंधेबाजों द्वारा मवेशी को सवारी गाड़ी एवं नाव पर लाद कर हाट क्षेत्र तक पहुंचाया जाता है.
इस तरह से जुड़े हैं मवेशी के धंधेबाज
मवेशी खरीद-बिक्री के कारोबार से जुड़े स्थानीय एवं पश्चिम बंगाल के व्यापारी हाट में जुटते हैं. सूत्रों की मानें तो पश्चिम बंगाल के मवेशी व्यापारी स्थानीय व्यापारी को भारी रकम उपलब्ध करा कर मवेशी की खरीदारी बढ़-चढ़ कर हिस्सा दिलाते हैं और खरीदे गये मवेशी को पश्चिम बंगाल के रास्ते से बंगलादेश तक पहुंचाने का काम करते हैं.
कहते हैं मवेशी पालक
माखन सिंह, राम देवी सिंह, सुकदेव मंडल, नंदलाल सिंह, बबन सिंह आदि लोगों ने कहा कि दिनों-दिन चारे की कमी होती जा रही है तथा महंगाई भी कमर कस ली है. ऐसे में मवेशियों को पालने में अब काफी खर्च होती है. उनलोगों ने यह भी कहा कि मवेशी के व्यापारी घर आकर मवेशी का अच्छा दाम देकर खरीद लेते हैं.
किस रोज लगती है मवेशियों का हाट
गोविंदपुर में शुक्रवार को एवं चौकिया पहाड़पुर में सोमवार को मवेशी का हाट लगता है. जहां बड़ी संख्या में मवेशी बिक्री के लिए आता है.
कहते हैं बुद्धिजीवी
दिनेश चंद्र मंडल, रामदयाल चौधरी, धतुरी सिंह आदि लोगों ने कहा कि प्रखंड में लगातार पशुधन की कमी होने के कारण दूध दिनों-दिन दुर्लभ होते जा रहा है.
कहते हैं अंचलाधिकारी
अंचलाधिकारी कुमार रवींद्र नाथ ने बताया कि चौकिया पहाड़पुर पंचायत मवेशी का हाट लगती है. उस हाट का डाक होता है. गोविंदपुर में जो हाट लगता है, उसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है.

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