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स्वास्थ्य सेवा बदहाल, मरीज बेहाल
कटिहार: सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की लचर स्थिति से निजी नर्सिग होम व निजी स्वास्थ्य सेवा का कारोबार फल-फूल रहा है. भले ही राज्य व केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवा को आम लोगों तक पहुंचाने का दावा करती रही है. जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. कभी-कभी तो सरकारी आदेश ही उसके लिए गले फांस […]
कटिहार: सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की लचर स्थिति से निजी नर्सिग होम व निजी स्वास्थ्य सेवा का कारोबार फल-फूल रहा है. भले ही राज्य व केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवा को आम लोगों तक पहुंचाने का दावा करती रही है. जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. कभी-कभी तो सरकारी आदेश ही उसके लिए गले फांस बन जाती है. केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया, स्कील इंडिया, स्मार्ट इंडिया के बीच लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं होना मौजूदा हाइटेक व्यवस्था को आईना दिखाने जैसा ही है. कटिहार जिले की बात करें तो सरकार की व्यवस्था व उसके तमाम दावों के बीच स्वास्थ्य से लोगों के पहुंच से अभी दूर है.
मजबूरी में लोग निजी क्लिनिक व नर्सिग होम की तरफ रुख करते हैं. इस जिले की आबादी 32 लाख पार कर चुकी है. इस 32 लाख की आबादी पर 126 चिकित्सक हैं. सिविल सजर्न की मानें तो औसतन 5-6 चिकित्सक हर रोज अवकाश पर रहते हैं. यानी औसतन 25 हजार की आबादी पर एक चिकित्सक हैं. सरकारी घोषणा पत्र के अनुसार 5000 आबादी पर एक चिकित्सक होना चाहिए. हालांकि पहले की तुलना अब लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है. जागरूकता बढ़ने के साथ उसके अनुरूप आधारभूत ढांचा में व्यापक कमी है.
126 चिकित्सक बनाम 32 लाख आबादी
जिले के आबादी 32 लाख पार कर चुकी है. इन आबादी तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए मात्र 126 चिकित्सक पदस्थापित हैं. इसमें 62 नियमित चिकित्सक हैं. जबकि संविदा पर बहाल चिकित्सकों की संख्या 64 हैं. सीएस की माने तो औसतन 5-6 चिकित्सक हर दिन अवकाश पर रहते हैं. ऐसे में बेहतर स्वास्थ्य सेवा की कल्पना कैसे की जाती है. स्वासथ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रलय भारत सरकार के मानक पर भी स्वास्थ्य सेवा खड़ा नहीं उतर रहा है. अलमाट्टा स्वास्थ्य सम्मेलन में केंद्र सरकार ने 5 हजार आबादी पर चिकित्सक व बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का वादा दिया था.
सरकारी आदेश का अनुपालन नहीं
इस बीच स्वास्थ्य विभाग के सचिव आनंद किशोर ने सभी सिविल सजर्न को आदेश दिया कि जिलास्तर पर प्रतिनियुक्त चिकित्सक व कर्मियों का प्रतिनियोजन विभाग के स्तर से समाप्त कर दिया है. इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय. सचिव ने पत्रंक 839 (2) दिनांक 01.07.15 के माध्यम से जारी किया है. लेकिन कटिहार जिले में इसका अनुपालन नहीं हो रहा है. हालांकि सीएस ने कहा कि इस आदेश के आलोक में अधिकांश प्रतिनियोजित चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी का प्रतिनियोजन रद्द कर दिया गया है. लेकिन सदर अस्पताल में 20 ऐसे चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी हैं, जिनका प्रतिनियोजन समाप्त करने पर सदर अस्पताल को बंद करना पड़ेगा.
कहते हैं सीएस
सिविल सजर्न डॉ सुभाष चंद्र पासवान ने इस संदर्भ में बताया कि प्रतिनियोजित समाप्त करने का विभाग से आदेश मिला है. सदर अस्पताल में प्रतिनियोजित चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी के प्रतिनियोजन समाप्त करने पर सदर अस्पताल को बंद करना पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया है.
निजी चिकित्सकों का बढ़ा कारोबार
सरकारी स्वास्थ्य की बदहाल स्थिति की वजह से निजी स्वास्थ्य सेवा का कारोबार बढ़ रहा है. धड़ल्ले से शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में निजी क्लिनिक, नर्सिग होम, पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड आदि खुल रहे हैं. अधिकांश खुलने वाले निजी क्लिनिक, नर्सिग होम व पैथोलॉजी में सरकार द्वारा निर्धारित मानक की अनदेखी हो रही है. मरीज होने का नाजायज फायदा उठा कर अवैध राशि की उगाही भी होती है.
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