कटिहार जंक्शन से खुलने वाली पैसेंजर ट्रेन के भीतर पंखा नहीं चलने से यात्री परेशान है. दूसरी तरफ विभिन्न रेलखंडो के स्टेशनों पर पेयजल का गंभीर संकट है. कटिहार- बारसोई, कटिहार-पूर्णिया- जोगबनी, कटिहार- मनिहारी, कटिहार-आजमनगर-बारसोई, कटिहार-बरौनी रेलखंड के विभिन्न स्टेशनों पर पेयजल का गंभीर संकट है.
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पैसेंजर ट्रेनों में सुविधाओं का अभाव, बढ़ी यात्रियों की परेशानी
कटिहार:भीषण गरमी व तेज धूप में पैसेंजर ट्रेन के यात्री सर्वाधिक हलकान है. स्टेशन पर प्रतीक्षा करने वाले यात्री व ट्रेन में सफर करने वाले यात्री को बुनियादी सुविधा भी नहीं मिल रही हैं. भले ही रेल मंत्रलय यात्री सुविधाओं में गुणात्मक सुधार व यात्री सुविधा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यात्री पखवारा […]
कटिहार:भीषण गरमी व तेज धूप में पैसेंजर ट्रेन के यात्री सर्वाधिक हलकान है. स्टेशन पर प्रतीक्षा करने वाले यात्री व ट्रेन में सफर करने वाले यात्री को बुनियादी सुविधा भी नहीं मिल रही हैं. भले ही रेल मंत्रलय यात्री सुविधाओं में गुणात्मक सुधार व यात्री सुविधा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यात्री पखवारा का आयोजन किया हो लेकिन इसका असर पैसेंजर ट्रेन के यात्रियों पर नहीं दिख रहा है. आज भी पैसेंजर ट्रेन के यात्री अपने हाल पर यात्र करने को विवश है.
स्टेशन पर पेयजल का गंभीर संकट
पैसेंजर ट्रेन के यात्रियों को इस भीषण गरमी में प्यास बुझाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है. विभिन्न स्टेशनों पर एक चापाकल होने की होने से प्यासे यात्री उसपर टूट पड़ते है. पैसेंजर ट्रेन रूकते ही यात्रियों का हुजूम चापाकल की ओर दौड़ पड़ते है. दो चार यात्री के पानी लेते ही ट्रेन खुल जाती है. ऐसे में यात्रियों को बगैर पानी के ही लौट जाना पड़ता है. अगर ट्रेन अधिक देर रूक गयी तो यात्री को स्टेशन के बाहर जाकर दूसरे के चापाकल से अथवा चाय नास्ता के दुकान पर जाकर अपनी प्यास बुझानी पड़ती है.
पैसेंजर ट्रेन में नहीं
चलता पंखा
पैसेंजर ट्रेन के यात्रियों को इस भीषण गरमी में पेयजल के अलावा ट्रेन के बोगी में लगे पंखा से भी जूझना पड़ रहा है. अधिकांश बोगी व पंखा यात्रियों को सुविधा देने में नाकाम रहा है. भीड़-भाड़ होने की वजह से पैसेंजर ट्रेन के यात्री पंखा नहीं चलने की वजह से इस भीषण गरमी में तर – बतर हो जाते है. दोपहर में कटिहार से राधिकापुर को जाने वाली पैसेंजर ट्रेन के यात्री सुमित कुमार व राधा देवी ने बताया कि इस ट्रेन के बोगी में पंखा नहीं चलने की वजह से वे लोग प्लेटफार्म पर खड़े है. ट्रेन खुलते समय वे लोग बोगी के अंदर जायेंगे. बोगी के भीतर स्थिति ऐसी है कि आधा घंटा रहना भी मुश्किल हो जाता है.
केस स्टडी-एक
डंडखोरा रेलवे स्टेशन पर मात्र एक चापाकल है. कमोवेश हर दिन सिल्लीगुड़ी- कटिहार पैसेंजर ट्रेन, कटिहार- राधिकापुर पैसेंजर ट्रेन को दस मिनट से आधा घंटा तक रुकना पड़ता है. एक चापाकल होने की वजह से यात्री को पेयजल के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
केस स्टडी-दो
कटिहार- बरौनी रेल खंड के कुरसेला स्टेशन पर बीते 4 जून को एक यात्री पानी लेने के लिए नीचे उतरा. भीड़ इतनी थी कि पानी लेने में उसे देर हो गयी इस बीच ट्रेन खुल गयी. ट्रेन पर चढ़ने के क्रम में वह अंसुतलित हो गया. जिससे वह ट्रेन के चपेट में आ गया. उस यात्री का पांव कट गया.
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