जनवरी 2014 से स्थिति दयनीय
पीठों पर सदस्यों की नहीं की गयी है नियुक्ति
कटिहार : उपभोक्ताओं को मिले कानूनी अधिकार के तहत देश के सभी राज्यों व जिलों में उपभोक्ता फोरम का गठन किया गया है. उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण के उद्देश्य से उपभोक्ता फोरम का गठन किया गया है. केंद्र व राज्य सरकार उपभोक्ताओं को जागरूकता करने के उद्देश्य से समय-समय पर अभियान भी चलाती रही है.
15 मार्च को विश्व उपभोक्ता दिवस पर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व खाद्य आपूर्ति मंत्री श्याम रजक द्वारा सूबे के उपभोक्ताओं के संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयास का जिक्र किया था. लेकिन कटिहार जिला उपभोक्ता संरक्षण एक वर्ष से अधिक समय से मृत प्राय है. मृत प्राय होने की वजह से अब वाद भी दाखिल नहीं हो रहा है. जिला उपभोक्ता फोरम में कर्मी मौजूद हैं लेकिन तीन सदस्य बेंच में सदस्यों की नियुक्ति नहीं होने से यह फोरम मृतप्राय की स्थिति में हो गयी है. फोरम के सूत्रों की माने तो 20 जनवरी 2014 से मामला की सुनवाई नहीं हुई है. अब तक 65 मामले फोरम के पास लंबित है.
यह है प्रावधान
उपभोक्ता संरक्षण के लिए जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता संरक्षण फोरम स्थापित किया गया है. अगर किसी उपभोक्ता को गलत बिल दिया जाता है अथवा उपभोग करने वाली सामग्री व वस्तु में गुणवत्ता का अभाव है तो ऐसे व्यक्ति उपभोक्ता फोरम में संबंधित प्रतिष्ठान व संस्थान में परिवाद पत्र दायर कर सकता है. फोरम के द्वारा परिवाद पत्र पर सुनवाई की जाती है तथा सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश पारित किया जाता है.
कानून के सुसंगत धाराओं के तहत सुनवाई की जाती है. फोरम का यह उद्देश्य है कि उपभोक्ता संरक्षण के दिशा में वह आदेश पारित करे. जिला उपभोक्ता फोरम में तीन सदस्य हैं. एक अध्यक्ष तथा एक महिला व एक पुरुष सदस्य होते हैं. राज्य सरकार द्वारा फोरम के सदस्यों की नियुक्ति तीन साल के लिए की जाती है.