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कटिहार: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बीपीएल व बीपीएल से कुछ ऊपर के परिवारों को खाद्य सुरक्षा के दायरे में लाये जाने का प्रावधान है. कटिहार जिला में 521941 परिवारों को खाद्य सुरक्षा के तहत राशन कार्ड बनाया गया है. सभी लाभुकों को कार्ड का वितरण कर दिया गया है. उल्लेखनीय है कि पहली […]

कटिहार: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बीपीएल व बीपीएल से कुछ ऊपर के परिवारों को खाद्य सुरक्षा के दायरे में लाये जाने का प्रावधान है. कटिहार जिला में 521941 परिवारों को खाद्य सुरक्षा के तहत राशन कार्ड बनाया गया है. सभी लाभुकों को कार्ड का वितरण कर दिया गया है.

उल्लेखनीय है कि पहली फरवरी 2014 से बिहार सहित कटिहार में खाद्य सुरक्षा कानून लागू हो गया है. हालांकि, एनएफएसए 2013 के तहत बिहार में खाद्य सुरक्षा नियमावली अब तक नहीं बन पायी है. बावजूद इसके एक साल पूर्व से इस कानून का क्रियान्वयन जिले में की जा रही है. प्रत्येक महीने परिवार के सभी सदस्यों को तीन किलो चावल व दो किलो गेहूं निर्धारित दर पर दिया जा रहा है. हालांकि जनवितरण प्रणाली की स्थिति की वजह से लाभुक को योजना का बेहतर लाभ नहीं मिल पाता है.

पीडीएस के जरिये होती है अनियमितता
जिले में खाद्य सुरक्षा योजना को लाभुक तक पहुंचाने की जिम्मेदारी जनवितरण प्रणाली (पीडीएस) को दी गयी है. लेकिन ग्रामीण स्तर पर जनवितरण प्रणाली द्वारा व्यापक स्तर पर अनियमितता की बात आती रही है. लाभुक को निर्धारित मात्र से कम खाद्यान्न देना, अधिक राशि वसूलना सहित कई तरह की अनियमितता की शिकायत आती रही है. हालांकि, वरीय अधिकारियों के द्वारा इसकी मॉनिटरिंग भी होती है. दो रुपये प्रति किलोग्राम गेहूं व तीन रुपये प्रति किलोग्राम चावल देने का प्रावधान है.
कारगर नहीं है डोर स्टेप डिलिवरी सिस्टम
खाद्य सुरक्षा के तहत उपभोक्ताओं को प्रत्येक माह खाद्यान्न समय पर मिल जाय, इसके लिए राज्य सरकार समय-समय पर बदलाव करती रही है. वर्तमान समय में डोर स्टेप डिलिवरी के माध्यम से पीडीएस तक खाद्यान्न पहुंचाने का प्रावधान है ताकि पीडीएस के द्वारा समय पर उपभोक्ताओं को खाद्यान्न दिया जा सके. लेकिन कटिहार जिले में डोर स्टेप डिलिवरी कारगर नहीं है. कई पीडीएस के डीलर ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि डोर स्टेप डिलिवरी सिर्फ नाम का है. गोदाम से खाद्यान्न लाने की व्यवस्था उन्हें स्वयं करनी पड़ती है. जिले के उपभोक्ताओं को प्रत्येक महीना 46915.12 क्विंटल गेहूं तथा 70372.68 क्विंटल चावल दिया जाता है.
एनएफएसए में है कई प्रावधान
खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय खाद सुरक्षा कानून में कई तरह का प्रावधान दिया गया है. अगर राज्य सरकार बिहार राज्य खाद्य सुरक्षा नियमावली बनाती है तो, खाद्य सुरक्षा के मामले में व्यापक बदलाव दिखेगा. एनएफएसए में गांव से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक निगरानी तंत्र विकसित करने का प्रावधान किया गया है. पीडीएस स्तर पर निगरानी समिति से लेकर पंचायत, प्रखंड, जिला एवं राज्य स्तर पर निगरानी तंत्र विकसित करने का प्रावधान किया गया है.
एडीएम हैं जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी
राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा से जुड़े शिकायतों के निष्पादन के लिए अपर समाहर्ता को जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाया है. अगर किसी उपभोक्ता को खाद्यान्न नहीं मिला है अथवा अधिक कीमत लिया हो या खाद्यान्न की मात्र में कमी की हो, तो इस तरह की शिकायतें जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास किया जा सकता है. प्रावधान के अनुसार तीस दिन के भीतर जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी को शिकायतों का निष्पादन करना है. अगर तीस दिन के भीतर शिकायत का निष्पादन नहीं होने पर शिकायत कर्ता राज्य खाद्य सुरक्षा आयुक्त के साथ अपील कर सकता है.
कहते हैं डीएसओ
जिला आपूर्ति पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार ने बताया कि जिले में 1046 जनवितरण प्रणाली के माध्यम से खाद्य सुरक्षा योजना को लाभुकों तक पहुंचाया जा रहा है. प्रत्येक माह उपभोक्ताओं को खाद्यान्न मिल जाता है. अगर उपभोक्ताओं को किसी तरह की शिकायत हो, तो उनके पास भी शिकायत कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

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