कटिहार:सरकारी व गैर सरकारी स्तर पर चल रहे तमाम प्रयासों के बावजूद एड्स से पीड़ित लोगों की तादाद कटिहार जिले में बढ़ रही है. राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) एवं बिहार राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के द्वारा एचआइवी की रोकथाम के लिए न केवल प्रचार-प्रसार किया जा रहा है बल्कि आधारभूत संरचना की भी बढ़ोतरी […]
कटिहार:सरकारी व गैर सरकारी स्तर पर चल रहे तमाम प्रयासों के बावजूद एड्स से पीड़ित लोगों की तादाद कटिहार जिले में बढ़ रही है. राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) एवं बिहार राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के द्वारा एचआइवी की रोकथाम के लिए न केवल प्रचार-प्रसार किया जा रहा है बल्कि आधारभूत संरचना की भी बढ़ोतरी की गयी है.
पहले जहां जिला मुख्यालय में जांच की व्यवस्था थी. वहीं अब कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी आइसीटीसी की व्यवस्था की गयी है. टीआइ प्रोजेक्ट के तहत ड्रग यूजर की पहचान कर इसके भीतर एचआइवी फैलने की संभावना को रोकने का काम भी जिले में चल रहा है.
कई गैर सरकारी संगठन भी एचआइवी व एड्स की रोकथाम को लेकर समय-समय पर अभियान चलाते रहते हैं. राजीव गांधी फाउंडेशन एवं नाको के संयुक्त प्रयास से मेगा जागरूकता अभियान के तहत देश भर में रेड रिबन एक्सप्रेस विशेष ट्रेन का भ्रमण हुआ. कटिहार में यह ट्रेन तीन बार आ चुका है. इसके इतर भी कई तरह के प्रयास हुए हैं. लेकिन एचआइवी की तादाद में हर माह बढ़ोतरी हो रही है.
बारसोई क्षेत्र के हैं सर्वाधिक प्रभावित
जिले के स्वास्थ्य विभाग में प्राप्त एचआइवी के आंकड़ों के अनुसार सर्वाधिक प्रभावित लोग बारसोई अनुमंडल क्षेत्र के हैं. बताया जाता है कि करीब 60 फीसदी से अधिक एचआइवी पीड़ित बारसोई अनुमंडल क्षेत्र के हैं. उल्लेखनीय है कि यह क्षेत्र बाढ़-कटाव से प्रभावित है तथा इस क्षेत्रों के लोग मेहनत मजदूरी करने के लिए दूसरे प्रदेश व बड़े शहरों में जाते हैं.
सदर अस्पताल में नहीं शिफ्ट हुआ एआरटी
एचआइवी व एड्स पीड़ित लोगों के लिए कटिहार मेडिकल कॉलेज में एआरटी सेंटर खोला गया है. इस एआरटी सेंटर से प्रभावित लोग दवा आदि प्राप्त करते हैं. पिछले वर्ष एआरटी सेंटर को कटिहार मेडिकल कॉलेज से सदर अस्पताल में शिफ्ट करने का विभागीय आदेश हुआ था लेकिन अब तक एआरटी सेंटर सदर अस्पताल में शिफ्ट नहीं हो सका है. कटिहार मेडिकल कॉलेज दूर होने की वजह से एचआइवी व एड्स पीड़ित लोग इसका लाभ नहीं ले पाते हैं. इसी वजह से एआरटी को सदर अस्पताल में शिफ्ट करने का आदेश हुआ था. मेडिकल कॉलेज में एआरटी होने की वजह से प्रभावित लोग को वहां आने-जाने में काफी परेशानी होती है.
नहीं मिला रहा योजनाओं का लाभ
जिले में करीब 2200 के आसपास एचआइवी पीड़ित लोग हैं. राज्य सरकार द्वारा प्राथमिकता के आधार पर कई योजनाओं का लाभ देने का प्रावधान एचआइवी प्रभावित लोगों के लिए किया गया है. पिछले महीने सदर अस्पताल परिसर में योजनाओं का लाभ देने संबंधी कार्यशाला का भी आयोजन किया गया था. लेकिन आज तक एचआइवी पीड़ित को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिन एचआइवी पीड़ित लोगों को 18 साल से कम उम्र के बच्चे हैं, उनके लिए परवरिश योजना लागू की गयी है. लेकिन ऐसे एचआइवी पीड़ित को परवरिश सहित सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.