कटिहार: पूसी रेलवे का मंडलीय रेल अस्पताल कटिहार रेलवे क्षेत्र के न्यू कॉलोनी में स्थित है. प्रभात खबर की टीम जब इस रेल अस्पताल का जायजा लेने पहुंचा तो देखा कि वार्डो में मरीजों की कमी है. अधिकांश बेड खाली पाया गया. हालांकि यह अस्पताल केवल रेल कर्मियों व उनके परिवारजनों का इलाज करने के […]
कटिहार: पूसी रेलवे का मंडलीय रेल अस्पताल कटिहार रेलवे क्षेत्र के न्यू कॉलोनी में स्थित है. प्रभात खबर की टीम जब इस रेल अस्पताल का जायजा लेने पहुंचा तो देखा कि वार्डो में मरीजों की कमी है. अधिकांश बेड खाली पाया गया. हालांकि यह अस्पताल केवल रेल कर्मियों व उनके परिवारजनों का इलाज करने के लिए बना हुआ है.
ज्ञात हुआ है कि इस अस्पताल की कु व्यवस्था के चलते अधिकांश मरीज अपना इलाज अन्यत्र करवाना पसंद करते हैं. कु व्यवस्था का मतलब है चिकित्सकों की कमी मुख्य है. हालांकि, यह अस्पताल रेल मंडल क्षेत्र के रेल कर्मियों के इलाज के लिए चिकित्सकों में खास कर स्पेशलिस्टों कमी है. जबकि ऐसे रोगियों को सेंट्रल हॉस्पिटल या अन्यत्र भेजा जाता है.
जो उनके परेशानी का करण है. कटिहार रेलवे अस्पताल के अंतर्गत चार अन्य यूनिक हॉस्पिटल कार्यरत है, जिसमें मालदह, समसी, पूर्णिया, बारसोई व एक सबसिड्री यूनिट कटिहार के रेलवे क्षेत्र साहेबपाड़ा में अवस्थित है. अधिकारिक जानकारी के अनुसार सभी यूनियनें सहित मंडल रेल अस्पताल के लिए 19 चिकित्सक की पद हैं. लेकिन अभी 13 चिकित्सक, 6 सीएमपी चिकित्सक एवं एक स्टाफ बेनीफीट फंड से दंत चिकित्सक कार्यरत हैं. हालांकि तीन पद अभी खाली है. वहीं एक पद खाली के अलावे 38 पद नर्सो की है.
रेल मंडल अस्पताल में वार्डो
रेल मंडल हॉस्पिटल में एक सीसीयू वार्ड, एक मेल वार्ड, एक फिमेल वार्ड, एक चाइल्ड वार्ड सहित एक मेल-फिमेल वार्ड अवस्थित हैं. इस अस्पताल में मरीजों को चिकित्सक के द्वारा बीमारी के अनुसार भोजन मुहैया करायी जाती है. मरीजों के भोजन एवं दवाई का मुख्य उनके वेतन से तय होता है. भोजन बनाने के लिए भोजन सामग्री सब्जी, फल, चावल, आटा, मछली, अंडा, बेड आदि निर्धारित संवेदक द्वारा आपूर्ति की जाती है. जिसे अस्पताल के कूक द्वारा तैयार कर मरीजों को दिया जाता है. इस काम के लिए एक सुपरवाइजर कार्य की देख-रेख करते हैं.
कहते हैं एडीआरएम
इस संबंध में एडीआरएम ए सिंह से बात करने पर उन्होंने कहा कि रेलवे अस्पताल कटिहार में चिकित्सकों की कमी नहीं है. जहां तक रेल कर्मियों के बाहरी चिकित्सकों से इलाज कराने का प्रश्न है, तो उनके विवेक व इच्छा पर निर्भर है कि वे कहां इलाज कराते हैं.