कटिहार: प्रकृति के साथ-साथ जिलावासियों ने गुरुवार को नये साल के पहले दिन को अपने-अपने अंदाज में सेलिब्रेट किया. लोगों ने जहां नये साल में कुछ नया करने का संकल्प लिया, तो कहीं अधूरे काम को इस साल पूरा करने का संकल्प लिया गया. गुरुवार से ताम-झाम के साथ शुरू हुई वर्ष 2015 से लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं. खास कर दो राज्यों को जोड़नेवाली मनिहारी-साहेबगंज के बीच गंगा नदी पर प्रस्तावित पुल निर्माण को लेकर उम्मीदें बंधी हैं.
हालांकि, जिस रफ्तार से सरकार का दावा व घोषणा हुई थी, उससे लगता था कि मनिहारी-साहेबगंज के बीच प्रस्तावित पुल निर्माण का कार्य वर्ष 2014 में दिखने लगेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. अब इस नये वर्ष में लोगों को उम्मीद है कि यह बहुप्रतीक्षित परियोजना साकार होगी. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना क्रियान्वयन इकाई के पूर्णिया के अधिकारी के अनुसार मनिहारी-साहेबगंज के बीच गंगा नदी वाला हिस्से को मंत्रलय की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग अधिसूचित कर दिया है. इससे ऐसा लगता है कि केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रलय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण मनिहारी-साहेबगंज के बीच प्रस्तावित पुल निर्माण की दिशा में कार्य जोर पकड़ेगी.
जनप्रतिनिधि को लगाना होगा जोर
अगर सिर्फ मंत्रलय के भरोसे मनिहारी-साहेबगंज पुल निर्माण के प्रस्ताव को छोड़ दिया जायेगा, तो वर्ष 2015 में भी यह परियोजना शुरू नहीं हो सकेगी. जानकार बताते हैं कि दोनों राज्यों के संबंधित सांसद-विधायक को इसके लिए जोन लगाना पड़ेगा. मंत्री नितिन गडकरी से लेकर उनके मंत्रलय के सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ एडवोकेसी करना पड़ेगा. जानकारों की माने तो मंत्रलय के पास देश के विभिन्न हिस्सों के कई प्रस्तावों हैं. जिन पर उन्हें ध्यान देना पड़ता है. इसी तरह मंत्रलय द्वारा अधिकृत कंसल्टेंट एजेंसी के पास भी कई परियोजना पर काम करना पड़ता है. जब तक मंत्रलय के स्तर पर एजेंसी पर दबाव नहीं बनेगा.
कई प्रस्तावों पर हो चुकी है चर्चा
वर्ष 2014 में इस दिशा में कुछ पहल हुई थी. एनएचएआइ के पीआइयू के पीडी श्री सिंह ने सूचना के अधिकार के तहत सूचना अधिकार कार्यकर्ता जगदीश प्रसाद साह को जो सूचना उपलब्ध करायी है. उसमें मनिहारी-साहेबगंज पुल निर्माण के प्रस्ताव पर अब तक हुई पहल का विस्तार से जिक्र है. पीडी द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार कंसलटेंसी एजेंसी के द्वारा मनिहारी-साहेबगंज गंगा नदी पर पुल निर्माण के लिये जो प्रस्ताव तैयार किया गया था. उसमें एनएच-80 एवं एनएच-81 को जोड़ने वाली मनिहारी-साहेबगंज पुल फोर लेन बनेगी. उल्लेखनीय है कि 6 अगस्त 2014 को दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों व मंत्रलय के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी. जिसमें अब तक की स्थिति पर चर्चा की गयी तथा रिपोर्ट की प्रस्तुति की गयी है.
डीपीआर का हो रहा है इंतजार
ताजा जानकारी के अनुसार एनएचएआइ को कंसल्टेंट एजेंसी से डीपीआर का इंतजार हो रही है. डीपीआर मिलते ही मंत्रलय के स्तर से मनिहारी-साहेबगंज के बीच गंगा नदी पर पुल निर्माण के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल जायेगी. एनएचएआइ के पूर्णिया स्थित परियोजना क्रियान्वयन इकाई के परियोजना निदेशक एएन सिंह के अनुसार अभी हाल ही में मंत्रलय के द्वारा मनिहारी-साहेबगंज के बीच भाग को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित कर दिया गया है. बकौल पीडी श्री सिंह कंसल्टेंट एजेंसी जब डीपीआर सौंपेगी, तब उस डीपीआर को मंत्रलय भेज दी जायेगी. हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि डीपीआर कब तक तैयार होकर उनके पास आयेगी. यह कहना मुश्किल है. पीडी के अनुसार डीपीआर के मंत्रलय पहुंचने के बाद पुल निर्माण के प्रस्ताव पर अन्य प्रक्रिया शुरू हो सकेगी.