कटिहार : जिले में सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर शनिवार को सामाजिक अंकेक्षण किया जायेगा. कटिहार जिले में कुल 2861 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत है. वर्तमान में 2455 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. यूं तो आंगनबाड़ी केंद्र में कई तरह की सेवाएं दी जाती है. मसलन बच्चों का टीकाकरण, गर्भवती व धातृ महिलाओं तथा किशोरियों को सूखा राशन, गर्भवती व धातृ माताओं की स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों को सूखा राशन, विद्यालय पूर्व शिक्षा आदि देने का प्रावधान है.
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अंधकार में नौनिहाल का भविष्य
कटिहार : जिले में सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर शनिवार को सामाजिक अंकेक्षण किया जायेगा. कटिहार जिले में कुल 2861 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत है. वर्तमान में 2455 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. यूं तो आंगनबाड़ी केंद्र में कई तरह की सेवाएं दी जाती है. मसलन बच्चों का टीकाकरण, गर्भवती व धातृ महिलाओं तथा किशोरियों को सूखा राशन, […]
सरकारी दावों के अनुसार यह सारी सुविधाएं आंगनबाड़ी केंद्र की ओर से दी जाती है. अक्तूबर 2014 से तो अंडा व सोयाबीन देने का प्रावधान भी किया गया है. आंगनबाड़ी केंद्र में मिलनेवाली इन तमाम सेवाओं में विद्यालय पूर्व शिक्षा एक प्रमुख सेवाओं में शुमार है.
आंगनबाड़ी केंद्र में उपलब्ध सेवाओं की जमीनी हकीकत किसी से छिपी नहीं है. ऐसा माना जाता है कि बच्चों में प्राथमिक शिक्षा की नींव प्राथमिक पूर्व शिक्षा है. यह आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को मिलती है. एक आंगनबाड़ी केंद्र में तीन से पांच आयु वर्ग के 40 बच्चों को विद्यालय पूर्व शिक्षा देने का प्रावधान है, लेकिन जिले में विद्यालय पूर्व शिक्षा की स्थिति बदहाल है.
* विद्यालय पूर्व शिक्षा के नाम पर खानापूर्ति: जिले में कुल 2455 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. तीन से पांच आयु वर्ग के 98200 बच्चे विद्यालय पूर्व शिक्षा प्राप्त करने के लिए इन आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित हैं. विद्यालय पूर्व शिक्षा के लिए समाज कल्याण विभाग के समेकित विकास योजना के तहत मार्गदर्शिका भी जारी किया गया है. जिस तरह निजी विद्यालय में नर्सरी एलकेजी व यूकेजी का प्रावधान है. उसी तरह तीन से पांच वर्ष तक के बच्चों को उसके उम्र के मुताबिक सिखाने व पढ़ाने की व्यवस्था की गयी है.
इसके पीछे यही उद्देश्य है कि जब छह वर्ष की उम्र में बच्चे का दाखिला प्राथमिक विद्यालय के पहली कक्षा में हो, तो उस स्तर तक का ज्ञान उनके भीतर हो. विद्यालय पूर्व शिक्षा प्राप्त करनेवाले बच्चे के लिए प्रत्येक दिन पका हुआ गरम खाने की व्यवस्था भी मीनू के अनुसार की गयी है, लेकिन जिले के आंगनबाड़ी केंद्र में विद्यालय पूर्व शिक्षा बदहाल स्थिति में है. विद्यालय पूर्व शिक्षा की बदहाल स्थिति की वजह से प्रत्येक दिन बच्चे की उपस्थिति औसतन 30 से 40 फीसदी होती है.
* 57000 नौनिहालों के लिए भवन नहीं: इस जिले में विभिन्न योजनाओं से अब तक मात्र 470 आंगनबाड़ी केंद्र का ही भवन बन पाया है. आइसीडीएस के जिला कार्यालय के अनुसार 552 आंगनबाड़ी केंद्र का भवन निर्माणाधीन है, जबकि 1433 आंगनबाड़ी केंद्र भवनहीन है. इन भवनहीन आंगनबाड़ी केंद्र में 57320 नौनिहाल विद्यालय पूर्व शिक्षा प्राप्त करने के लिए नामांकित हैं. इन केंद्रों को सेविका अपने घर के दरवाजे अथवा दूसरे के दरवाजे आदि पर किसी तरह संचालन करते हैं. ऐसे केंद्रों में न केवल बच्चों को विद्यालय पूर्व शिक्षा लेने में कठिनाई होती है, बल्कि केंद्र से मिलनेवाली अन्य रेफेरल सेवाओं को देने में भी कठिनाई होती है.
* कहते हैं डीपीओ: इस संदर्भ में आइसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अजीत मंडल ने कहा कि विद्यालय पूर्व शिक्षा को बेहतर करने के लिए सेविका को समय-समय पर निर्देशित किया जाता है. एक-दो दिन में वह स्वयं औचक निरीक्षण करेंगे. सुधार के लिए हर कदम उठाये जायेंगे.
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