* महानंदा में 1.50 करोड़ की लागत से बनाया गया तटबंध असुरक्षित
आजमनगर : बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल सालमारी के अधीन महानंदा नदी के ऊपर बने तटबंधों की स्थिति बदहाल है. हाल ही में 1.50 करोड़ की लागत से बनाये गये तटबंध कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गयी है.
महानंदा नदी के पूर्वी तटबंध में रैंयापुर, माहीनगर, नौआटोली, बेनी बाड़ी, बहरखाल, आजमनगर तथा धबौल आदि स्थलों पर प्रति वर्ष करोड़ों रुपये सिर्फ कटाव निरोधक संघर्षात्मक कार्य पर खर्च किये जाते है. विगत कई दिन से हो रही बारिश से महानंदा का जलस्तर बढ़ गया है. जिससे बहरखाल स्थित स्पर संख्या 15 पर 1.50 करोड़ की लागत से संघर्षात्मक कार्य कराया गया था.
जिसमें मिट्टी भर कर जियो बैंग लगाये गये थे. इनमें से डाली गयी बोरी महानंदा की धारा में बह गयी और कुछ अपने स्थान से हट गयी है. असुरक्षित तटबंध से बाढ़ की आशंका के मद्देनजर आस-पास के ग्रामीणों में भय व्याप्त है. तटबंध टूटने से ज्यादा नुकसान मसनदपुर के ग्रामीणों को होगा.
ग्रामीणों का आरोप है कि स्पर संख्या15 के रिसगेंड लाइन में चेन संख्या 22 एवं 30 पर निरोधात्मक कार्य कराया गया है. वर्षों पूर्व बांधे गये सालवेज बोल्डर को हटा कर अन्य जगहों पर ले जाया गया है. उसके स्थान पर सेंड बैंग लगाये गये है. जो किसी मायने में सुरक्षित नहीं है. पार्को पाइल भी क्षतिग्रस्त हो गये है.
जबकि बारिश अभी बाकी है. महानंदा नदी के तेधारा में 1.50 करोड़ की लागत से बांध निर्माण नदी में बह गया है. इधर कार्यपालक अभियंता रत्नेश कुमार ने मामले की जांच करने की बात कही है. तटबंध की वर्तमान स्थिति पर अनुमंडल पदाधिकारी बारसोई डा महेंद्र पाल ने असंतोष जताया है. उन्होंने तटबंध की जांच कर कार्रवाई की बात कही है.