कटिहार : दोपहर के 1:30 बजे के करीब भागलपुर से निगरानी टीम पथ निर्माण कार्यालय पहुंची. हालांकि हाजीपुर में जाम की समस्या के कारण थोड़ी देर तक टीम जाम में ही फंसी रही. जाम विकराल होता देख अपनी गाड़ी को छोड़कर टीम मोटरसाइकिल के सहारे कार्यालय पहुंची. निगरानी टीम के डीएसपी सुरेंद्र कुमार सरोज के नेतृत्व में कार्यालय पहुंचने के बाद पहले सभी कक्ष का जायजा लिया गया.
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कई फाइलों को जब्त कर विजिलेंस टीम ले गयी साथ
कटिहार : दोपहर के 1:30 बजे के करीब भागलपुर से निगरानी टीम पथ निर्माण कार्यालय पहुंची. हालांकि हाजीपुर में जाम की समस्या के कारण थोड़ी देर तक टीम जाम में ही फंसी रही. जाम विकराल होता देख अपनी गाड़ी को छोड़कर टीम मोटरसाइकिल के सहारे कार्यालय पहुंची. निगरानी टीम के डीएसपी सुरेंद्र कुमार सरोज के […]
डीएसपी सुरेंद्र कुमार सरोज ने बारी-बारी से कर्मचारियों को कार्यपालक अभियंता के चेंबर में बुलाकर अंदर पूछताछ करने में जुट गयी. दो घंटे तक पूछताछ का दौर चलता रहा. कई फाइलें भी मंगायी गयी. जिसे डीएसपी ने बड़े ही बारीकी से देख रहे थे. हालांकि अंदर कमरे में पूछताछ के दौरान पत्रकारों का जाने से मना कर दिया गया था.
कार्यालय के बाहर नजर आये कुछ ठेकेदार
खबर मिलते ही पथ निर्माण कार्यालय के बाहर मेन सड़क पर कुछ ठेकेदार नजर आये. हालांकि ठेकेदार से जब कार्यपालक अभियंता के बारे में उनका स्वभाव जानने की कोशिश किया गया तो वह बचते नजर आये. यहां तक कि इस मामले से अनजान बनकर बस यूं ही बैठे रहने की भी बातें कह डाली.
सुबह से एक आदमी भी कार्यालय के तरफ आता नहीं दिखा. पूरे सड़क पर सन्नाटा पसरा रहा. अंदर कर्मचारी भी निगरानी टीम के पहुंचने से पहले एक दूसरे से यही बात करने में लगे हुए थे की टीम के अधिकारी क्या पूछेंगे. कौन सी फाइल मांगेंगे.
सभी कर्मचारी अपनी जरूरत के फाइल किस स्थान पर कहां रखी हुई इसी को याद करने में थे. पटना में पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार की गिरफ्तारी की सूचना के बाद ही एसपी के निर्देश पर कटिहार पथ निर्माण विभाग में पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बलों की तैनाती कर दी गयी. पटना से निर्देश के अनुसार इनके आवास पर भी विजिलेंस की टीम छापा मार सकती है.
निगरानी डीएसपी एसके सरोज के नेतृत्व में विजिलेंस की टीम ने पथ निर्माण विभाग के कर्मियों से क्या-क्या पूछताछ अंदर कमरे में किया है. इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गयी है.
वहां मौजूद सभी अधिकारी व कर्मियों से पूछताछ किया तथा बिल संबंधी, बिल का भुगतान संबंधी, कार्य की निविदा आदि सहित अन्य दस्तावेजों की जांच की. जिसके बाद डीएसपी ने ओपी आरएमसी 21ए की सघनता से जांच की. जिसमें टॉप लाईन इनफ्रेंचर का पांच करोड़ का एक लंबित बिल था. जिसका भुगतान नहीं किया गया था. उसे विजिलेंस ने जब्त कर आगे की जांच जारी रखी हुई थी.
कार्यालय में लगभग दो दर्जन से ऊपर कर्मचारी हैं : पथ निर्माण विभाग पथ प्रमंडल कटिहार कार्यालय में चतुर्थ वर्ग कर्मचारी मिलाकर दो दर्जन से ऊपर कर्मचारी पदस्थापित है. जिसमें कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार, प्रमंडलीय लेखा पदाधिकारी कामेश्वर रजक, सहायक अभियंता नवीन कुमार सिंह, कनीय अभियंता मुकेश प्रसाद, सुनील कुमार मंडल, साबिर अली, गजेंद्र चौधरी, पिकेंद्र कुमार मेहता पदस्थापित है. जबकि संविदा पर सहायक अभियंता शशिकांत, स्वीटी कुमारी पदस्थापित है. जबकि संविदा पर कनीय अभियंता अजय कुमार, मुरली गौतम, श्याम कुमार मंडल, कृष्ण कुमार, कुमार राहुल पदस्थापित हैं.
प्रधान लिपिक में दिनेश कुमार राय, रोकड़ पाल में राकेश रंजन मधुकर पदस्थापित है. उच्च वर्ग में राणा अजय प्रताप सिंह, टुनटुन राम, दीपक कुमार साह पदस्थापित है. जबकि चतुर्थ वर्ग कर्मचारी में सात से आठ कर्मचारी पदस्थापित हैं. कार्यपालक अभियंता 27 जून 2019 को पथ निर्माण कार्यालय में पदस्थापित किये गये थे. उनका कार्यकाल मात्र लगभग पांच माह का ही रहा.
कार्यपालक अभियंता के पूर्व भी कई पदाधिकारी व कर्मचारी विजिलेंस के हत्थे चढ़े थे, पर घुसखोरी नहीं रुकी
कटिहार. पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार को पटना में विजिलेंस की टीम ने घूस लेते गिरफ्तार करने के बाद सरकारी कार्यालयों में घूसखौरी की पोल खुल कर सामने आ गयी है.
कटिहार जिले में इसके पूर्व भी निगरानी की टीम ने कई पदाधिकारी व कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार करने में सफलता पायी है. जिले के पोठिया ओपी में पदस्थापित दरोगा विद्यानंद पांडेय को 30 अक्तूबर 2015 को 10 हजार रूपये घूस लेते विजिलेंस की टीम ने गिरफ्तार किया था.
इसके साथ ही समेली के चिकित्सा पदाधिकारी जयविंद झा को 5 जनवरी 2016 को विजिलेंस की टीम ने 10 हजार घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. कदवा प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अभयनाथ मिश्रा को वर्ष 2017 में 50 हजार घूस लेते विजिलेंस की टीम ने गिरफ्तार किया था. जबकि बारसोई अनुमंडल विद्युत विभाग के एकाउंटेट मदन मोहन पाठक एवं दिलीप कुमार को एक साथ वर्ष 2012 में विजिलेंस ने घूस लेते रंगे हाथों धर दबौचा था.
वहीं वर्ष 2013 में बारसोई अंचल के कर्मचारी अरूण वैध को निगरानी की टीम ने घूस लेते गिरफ्तार किया था. जबकि बरारी के राजस्व कर्मचारी रघुनाथ गुप्ता को वर्ष 2011 में घूस लेते विसिजेंस ने पकड़ा था. वर्ष 2012 में बरारी के ही अंचल कर्मचारी पुष्पेश सिंह को घूस लेते विजिलेंस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. जबकि फलका प्रखंड के कृषि पदाधिकारी को वर्ष 2011 में घूस लेते निगरानी की टीम ने धर दबौचा था.
वहीं जिला मुख्यालय में वर्ष 2013 में डीसीएलआर के लिपिक को निगरानी की टीम ने घूस लेते रंगे हाथों दबोचा था. इसके अलावा जिला मत्स्य कार्यालय के लिपिक को वर्ष 2018 अप्रैल माह में घूस लेते गिरफ्तार किया गया था. सरकारी कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों को विजिलेंस टीम द्वारा लगातार घूस लेते पकड़े जाने के बावजूद घूसखौरी रूकने का नाम नहीं ले रही है.
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