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रुक गयी ऑनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया

कटिहार : राज्य सरकार के आदेश पर शुरू किये गये ऑनलाइन म्यूटेशन की सुविधा फिलहाल बंद है. बताया जाता है कि जमाबंदी में कई तरह की त्रुटियां होने की वजह से ऑनलाइन म्यूटेशन प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया गया है. उल्लेखनीय है कि राज्य के विभिन्न जिलों में चिन्हित अंचलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत […]

कटिहार : राज्य सरकार के आदेश पर शुरू किये गये ऑनलाइन म्यूटेशन की सुविधा फिलहाल बंद है. बताया जाता है कि जमाबंदी में कई तरह की त्रुटियां होने की वजह से ऑनलाइन म्यूटेशन प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया गया है. उल्लेखनीय है कि राज्य के विभिन्न जिलों में चिन्हित अंचलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ऑनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया शुरु की गयी थी.

प्रक्रिया शुरू होने के बाद इसमें कई तरह की शिकायतें आने लगी. जिसकी वजह से राज्य सरकार ने फिलहाल ऑनलाइन म्यूटेशन परिक्रिया रोक दी है. स्थानीय अधिकारियों की माने तो ऑनलाइन म्यूटेशन के पूर्व जमाबंदी के रजिस्टर-2 को डाटा एंट्री किया जाना था. डाटा इंट्री किया भी गया. पर इसमें काफी त्रुटि आ गयी थी. जिसकी वजह से रजिस्टर-2 के डाटा इंट्री का सत्यापन का कार्य शुरू किया गया है. सत्यापन होने के बाद रजिस्टर-2 को फिर से सिस्टम में अपलोड किया जायेगा.

उसके बाद ही ऑनलाइन म्यूटेशन प्रक्रिया शुरू हो सकेगी. उल्लेखनीय है कि डिजिटल इंडिया भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में फिलहाल सदर अंचल को लिया गया है. इसके सफलता के बाद जिले के सभी अंचल में भू-अभिलेखों का डिजिटलाइजेशन किया जायेगा. इसके तहत न केवल डिजिटल जमाबंदी रजिस्टर टू की व्यवस्था होगी. बल्कि दाखिल खारिज भी ऑनलाइन होगी. यह भी कोशिश की जा रही है कि जमीन का नक्शा भी उनके खाता, खेसरा, चौहद्दी के साथ ऑनलाइन उपलब्ध हो. इस तरह की व्यवस्था कटिहार में शुरू कर दी गयी है. इसी के तहत कटिहार सदर अंचल में डिजिटल नक्शा भी जमीन का उपलब्ध हो गया है. यह कोशिश की जा रही है कि भूस्वामी या कोई भी आम लोग कंप्यूटर या मोबाइल पर एक क्लिक के जरिये अपने भूमि का अवलोकन कर सकते है. इसके लिए एक एप्प विकसित किया जा रहा है. मध्यप्रदेश के तर्ज पर कटिहार व बिहार के अन्य जिलों में भू-अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण डिजिटलाइजेशन का काम शुरू किया गया है.

सत्यापन के बाद शुरू होगी ऑन लाइन म्यूटेशन : ऑनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया कंप्यूटर में रजिस्टर-2 की इंट्री होने के बाद उसके सत्यापन होगी. सत्यापन के बाद फिर से सिस्टम में अपलोड किया जायेगा. उसके बाद ऑनलाइन म्यूटेशन व अन्य कार्य शुरू किये जायेंगे. स्थानीय विभागीय कार्यालय के सूत्रों की माने तो एक महीने के भीतर फिर से ऑनलाइन म्यूटेशन प्रक्रिया शुरु हो जायेगी. सत्यापन का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. जानकारी के मुताबिक डिजिटल इंडिया भू-अभिलेख का आधुनिकरण कार्यक्रम के तहत भूमि संबंधित सभी अभिलेख ऑनलाइन उपलब्ध होगी. इसके लिये एप्प विकसित किया जा रहा है.
उस एप्प पर भूमि संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध रहेगी. साथ ही डिजिटलाइजेशन के तहत दाखिल-खारिज, डिजिटल जमाबंदी रजिस्टर-2, भूमि स्वामित्व प्रमाण सहित भूमि संबंधित विभिन्न ऑनलाइन किया जायेगा. यह कोशिश की जा रही है कि गुगल के जरिये भू-स्वामी अपने भूमि के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते है. साथ ही भूमि संबंधित सेवा भी प्राप्त कर सकते हैं.
मार्च के बाद अन्य अंचलों में भी प्रक्रिया होगी शुरू
इस कार्यक्रम के तहत पायलट योजना के रूप में कटिहार सदर अंचल का चयन किया गया है. इस अंचल के सभी जमाबंदी का डिजिटलाइजेशन का काम शुरू कर दिया गया है. सदर अंचल में करीब एक लाख जमाबंदी का सत्यापन कार्य अंतिम चरण में है. सदर अंचल में काम पूरा हो जाने के बाद जिले के अन्य अंचलों में भी यह काम तेजी से होगा सत्यापन के बाद सिस्टम में अपलोड कर दिया जायेगा. उसके बाद ऑनलाइन म्यूटेशन व अन्य भूमि राजस्व संबंधी कार्य ऑनलाइन होगी. जिला पदाधिकारी मिथिलेश मिश्र व्यक्तिगत स्तर पर दिलचस्पी लेकर भू-अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन कार्य की निगरानी कर रहे है.
जमाबंदी में कई तरह की त्रुटि होने से रुका ऑनलाइन म्यूटेशन
अंचल कार्यालय का नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर
भू-अभिलेख के कंप्यूटरीकृत एवं डिजिटलाइजेशन हो जाने के बाद भूस्वामियों एवं अन्य लोगों को अंचल या राजस्व कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. सब कुछ ऑनलाइन होगी. उल्लेखनीय है कि वर्तमान में लगान रसीद, भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र, दाखिल-खारिज सहित कई महत्वपूर्ण कार्य राजस्व कार्यालय, अंचल कार्यालय, भूमि सुधार उपसमाहर्ता के कार्यालय के यहां से निष्पादित किये जाते है. लेकिन अब भू-अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन होने के बाद इन सब से छुटकारा मिल जायेगा. यह सर्वविदित है कि राजस्व कार्यालय एवं अंचल कार्यालय सहित भू-अभिलेखों से जुड़े अन्य कार्यालयों में भूमि संबंधी कार्य कराने को लेकर न केवल भूस्वामियों एवं उनसे जुड़े लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. बल्कि नजराना भी देना देना पड़ता है.
कहते हैं एडीएम
अपर समाहर्ता जफर रकीब ने कहा कि भू-अभिलेख के डिजिटलाइजेशन का काम अंतिम चरण में है. जमाबंदी के रजिस्टर-2 को सिस्टम में अपलोड करना है. रजिस्टर-2 के सत्यापन का कार्य चल रहा है. शीघ्र सत्यापन कार्य पूरा हो जाने के बाद उसे सिस्टम में अपलोड किया जायेगा. उसके बाद ऑनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया शुरु हो जायेगी. सत्यापन की वजह से ही फिलहाल ऑनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया रोक दी गयी है. कटिहार अंचल में पायलट योजना सफल होने के बाद जिले के सभी अंचलों में इसे लागू किया जायेगा. ऐसा हो जाने के बाद अगले कुछ महीने में भू-स्वामी या कोई भी व्यक्ति गूगल पर जाकर अपने भूमि के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे. डिजिटलाइजेशन होने के बाद सब कुछ ऑनलाइन हो जायेगा.

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