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नये मंत्री के लिए भी चुनौती

हालात . कई समस्याओं से जूझ रहा खनन विभाग अब जब इस जिले के विधायक ही खनन एवं भूतत्व मंत्री बनाये गये हैं, तो यह उम्मीद भी बढ़ गयी है की यहां विभाग में जो समस्याएं हैं, वो जल्द दूर होंगी. विभाग में कर्मियों समेत कई समस्याएं हैं, जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर दूर करने […]

हालात . कई समस्याओं से जूझ रहा खनन विभाग

अब जब इस जिले के विधायक ही खनन एवं भूतत्व मंत्री बनाये गये हैं, तो यह उम्मीद भी बढ़ गयी है की यहां विभाग में जो समस्याएं हैं, वो जल्द दूर होंगी. विभाग में कर्मियों समेत कई समस्याएं हैं, जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर दूर करने की जरूरत है.
कटिहार : खान भूतत्व मंत्री बने प्राणपुर विधायक विनोद सिंह का गृह जिला कटिहार का खनन विभाग कई समस्याओं से जूझ रहा है. इन समस्याओं को दूर करने की बड़ी चुनौती उनके कंधों पर है. जिले में अवैध खनन, ईट भट्टों के संचालन में नियमों की अनदेखी, अवैध ढंग से मेटल, चिप्स, बालू का भंडारण करने सहित कई अन्य कार्य बेरोकटोक हो रहे हैं. इसके साथ ही झारखंड के साहेबगंज जिले से बड़े पैमाने पर बगैर परमिट के पत्थर, चिप्स, मेटल लाकर कटिहार सहित सीमांचल में बेचा जा रहा है
. इस पर रोक लगाने की बड़ी चुनौती है. इसके साथ ही उनके विभाग की हालत जिले में दायनीय हालत में है. पदाधिकारी, कर्मचारियों की एक ओर जहां घोर कमी है, वहीं विभाग अब भी किराये के मकान में संचालित हो रहा है. इन खामियों को बगैर दूर किये खनन विभाग सुचारू ढंग से संचालित नहीं हो सकता है. गौरतलब हो कि जिले में लगभग 200 से ऊपर ईंट, गिट्टी, बालू का व्यवसाय करने वाली दुकानें हैं, जबकि विभाग में निबंधन मात्र 40 दुकानों का है. विभाग की ओर से बार-बार निर्देश जारी करने के बावजूद भी इसका व्यवसाय करने वाले लोग लाइसेंस लेने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं. कई ईंट भट्ठे बिना लाइसेंस के चल रहे हैं. ईंट भट्ठा मालिक लाइसेंस लेने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. मनिहारी, बारसोई, अाबादपुर के रास्ते माफियाओं द्वारा ओवरलोडिंग का खेल भी चल रहा है. इस पर भी अंकुश लगाना मंत्री के लिए चुनौती होगी.
किराये के मकान में चलता है विभाग का कार्यालय
लगभग 17 सालों से खनन विभाग कटिहार जिले में किराये के मकान में कार्यालय चला रहा है. विभागीय सूत्रों की मानें, तो वर्ष 2005 से किराये के मकान में यह कार्यालय संचालित हो रहा है. इतना ही नहीं विभाग की ओर से 2005 में जारी अधिसूचना के मुताबिक कार्यालय कर्मी और पदाधिकारी हैं, जबकि जिला खनन पदाधिकारी व प्रधान सहायक कटिहार ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्णिया प्रमंडल के प्रभार में हैं. वर्तमान में एक विभागीय कर्मी का तबादला हो गया है. इससे और परेशानी बढ़ गयी है. चार जिले के प्रभार में होने के कारण पदाधिकारी सही ढंग से किसी जिले में कार्य नहीं कर पा रहे हैं. कटिहार जिले में जिला प्रशासन मदद नहीं करे, तो राजस्व प्राप्त करना खनन विभाग के लिए टेढ़ी खीर साबित हो जायेगा तथा टारगेट भी पूरा नहीं हो सकेगा.
कैसे करता है विभाग कार्रवाई
जिला खनन कार्यालय कटिहार का मुख्य संहारण (वसूली ) कार्य विभाग से प्राप्त होता है. पूर्व में खान व भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव ने निर्देश दिया था कि निर्माण कार्य में संवेदकों द्वारा व्यवहार किये जाने वाले बालू, पत्थर, ईंट, जेसीबी का कंप्यूटर द्वारा दाखिल परिवहन चालान प्रपत्र तथा इनका कटिहार के जिला खनन कार्यालय कटिहार के माध्यम से सत्यापन कराने के बाद ही विपत्र में समाहित खनन स्वामित्व की राशि को विमुक्त किया जाना है. यदि संवेदकों द्वारा परिवहन चालान आदि प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो सत्यापन के बगैर ऐसी परिस्थिति में संवेदकों के विपत्र एमएमसी रूल 1972 के नियम 408 के अनुसार खनन स्वामित्व के समतुल्य जुर्माना की राशि एवं बाजार मूल्य की कटौती की जायेगी. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिले में बिना लाइसेंस के चल रहे ईंट, गिट्टी, बालू, पत्थर का व्यवसाय करने वालों पर भी इसी नियम के तहत कार्रवाई की जायेगी.
लाइसेंस के लिए चलाया जायेगा अभियान
विभाग का कार्यालय 2005 से किराये के मकान में चल रहा है. कई बार निर्देश दिया गया है, फिर भी बिना लाइसेंस के ईंट, गिट्टी, बालू, पत्थर का व्यवसाय करने वाले लाइसेंस लेने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इसको लेकर इसी माह से अभियान चलाया जायेगा.बिना लाइसेंस के व्यवसाय करने वालों पर कार्रवाई की जायेगी.
मोतीउर्रहमान, जिला खनन पदाधिकारी

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