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बिजली की आपूर्ति लचर

अनदेखी. नयी बिजली दर लागू, पर व्यवस्था में सुधार नहीं शहर में न तो तार हुआ कवर से लैस, न ही लोड बढ़ाने को लेकर लगाये गये ट्रांसफाॅर्मर भभुआ शहर : एक अप्रैल से नयी बिजली दर से बिल उपभोक्ताओं को चुकाने होंगे, लेकिन शहर में बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं […]

अनदेखी. नयी बिजली दर लागू, पर व्यवस्था में सुधार नहीं

शहर में न तो तार हुआ कवर से लैस, न ही लोड बढ़ाने को लेकर लगाये गये ट्रांसफाॅर्मर
भभुआ शहर : एक अप्रैल से नयी बिजली दर से बिल उपभोक्ताओं को चुकाने होंगे, लेकिन शहर में बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है़ शहर में ने तो तार में कवर लगाये गये, न ही लोड बढ़ाने के लिए ट्रॉसफॉर्मर ही लगाये गये़
एक अप्रैल से जिले के बिजली उपभोक्ताओं को 55 प्रतिशत ज्यादा बिल देनी होगी. शहर के उपभोक्ताओं को जहां पहले घरों में बिजली जलाने पर यदि मीटर की रीडिंग 1 से 100 यूनिट होती थी, तो उपभोक्ताओं को तीन रुपये प्रति यूनिट देने पड़ते थे. बढ़े बिल में उपभोक्ताओं को 5.60 रुपये प्रति यूनिट देने पड़ेंगे. 101 से 200 यूनिट की बिजली खपत पर पहले 3.65 रुपये देने पड़ते थे, जो कि अब बढ़े बिल में 6.10 रुपये का भुगतान करना होगा. 201 से अधिक्तम बिजली खपत पर प्रति यूनिट पहले 4.35 रुपये का भुगतान करना पड़ता था,
जो कि अब 6.60 रुपये का भुगतान करना होगा. ग्रामीण इलाकों के उपभोक्ताओं को 0 से 50 यूनिट की खपत पर पहले 2.10 रुपये प्रति यूनिट देने पड़ते थे, जो कि बढ़े बिल में 3.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा. 51 से 100 यूनिट की बिजली खपत पर उपभोक्ताओं को 2.40 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल देना पड़ता था, जो कि अब 4.00 रुपये प्रति यूनिट देना होगा. 100 यूनिट से अधिक बिजली खपत पर उपभोक्ताओं को पहले 2.80 रुपये का बिजली बिल देना पड़ता था,
जो कि अब 4.50 रुपये की दर से बिजली बिल देना होगा. कृषि के क्षेत्र में कृषि संबंधी कार्य को करने के लिए अगर उपभोक्ता बिजली का उपयोग करते हैं और विभाग द्वारा उनके बिजली खपत को लेकर मीटर नहीं लगाये गये हैं तो उन्हें पहले 120 रुपये प्रति एचपी के हिसाब से प्रत्येक माह के बिजली बिल की अदायगी करनी पड़ती थी, लेकिन अब एक अप्रैल से उन्हें 168 रुपये महीने प्रति एचपी की दर से बिजली बिल का भुगतान करना होगा.
एक अप्रैल से उपभोक्ताओं के बिल में की गयी बढ़ोतरी
बोले अधिकारी
एक अप्रैल से शहर सहित ग्रामीण इलाकों के उपभोक्ताओं को बढ़े दर से बिजली बिल का भुगतान करना होगा. शहर व ग्रामीण इलाकों में कवर्ड वायर केबल का काम तीन चार माह में पूरा कर लिया जायेगा. बिजली सप्लाइ की सुधार की दिशा में पहल की जा रही है.
आशीष कुमार झा,सहायक अभियंता बिजली विभाग
उपभोक्ता बेहाल
शहर के उपभोक्ताओं को पूरी तरह कवर्ड वायर से लैस करने की विभाग की योजना थी, जो कि अब तक आधी अधूरी ही हो पायी है. लो वोल्टेज की समस्या से निजात पाने को लेकर विभाग बहुत से जगहों पर हाइ पावर के ट्रांसफाॅर्मर लगाने की योजना बनायी थी, लेकिन अभी तक उक्त योजना पर आधे अधूरे ही काम हो पाये हैं. शहर में आये दिन उपभोक्ता लो-वोल्टेज व फॉल्ट की समस्या को लेकर परेशान रहते हैं. गरमी के दिनों में यह समस्या तो और भी ज्यादा बढ़ जाती है.
काम नहीं हो पाया
विभाग जहां एक ओर बढ़े बिजली बिल लेने की बात कर रही है, तो दूसरी ओर उपभोक्ताओं को मिलने वाली बिजली जैसे-तैसे जलानी पड़ती है. दो वर्षों से चल रही शहर व ग्रामीण इलाकों में लगे बदहाल तार को बदलने व कवर्ड वायर करने की योजना अभी तक आधी भी विभाग नहीं कर पायी है. जिले के वैसे इलाके जहां पहले से लगे ट्रांसफाॅर्मर से संबंधित उपभोक्ताओं को प्राप्त बिजली नहीं मिलने पर विभाग द्वारा जांच करा कर अधिक क्षमता के ट्रांसफाॅर्मर लगाने की योजना बनायी थी. ट्रांसफाॅर्मर लगाने के लिए बिजली विभाग प्रोजेक्ट द्वारा कंपनी को जिम्मेवारी दी गयी थी, लेकिन दो वर्ष की समाप्ति के बाद अभी तक पूरी तरह से ट्रांसफाॅर्मर लगाने का काम पूरा नहीं हो पाया. कृषि के क्षेत्र में विभाग द्वारा किसानों को मिलने वाली बिजली राम भरोसे चल रही है. बिजली विभाग किसानों से बिजली बिल का भुगतान तो कराती है लेकिन उनके पास तक बिजली नहीं पहुंचा पाती. किसानों को बांस के सहारे बिजली ले जानी पड़ती है, जिससे बराबर हादसे की संभावना बनी रहती है.

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