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आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की जगह रखा जा रहा भूसा
शहर में 28 आंगनबाड़ी केंद्र हो रहे हैं संचालित भभुआ (शहर) : जिले में बने आंगनबाड़ी केंद्रों में कुछ पर अवैध कब्जा कर लिया गया है, तो कुछ की बनावट अच्छी नहीं होने के कारण सेविका वहां जाने से कतरा रही हैं. वहीं, कुछ आंगनबाड़ी केंद्र आधे-अधूरे ही रह गये हैं. इन्हीं वजहों से अधिकतर […]
शहर में 28 आंगनबाड़ी केंद्र हो रहे हैं संचालित
भभुआ (शहर) : जिले में बने आंगनबाड़ी केंद्रों में कुछ पर अवैध कब्जा कर लिया गया है, तो कुछ की बनावट अच्छी नहीं होने के कारण सेविका वहां जाने से कतरा रही हैं. वहीं, कुछ आंगनबाड़ी केंद्र आधे-अधूरे ही रह गये हैं. इन्हीं वजहों से अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की पढ़ाई नहीं हो रही है.
बताया जाता है कि आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भवन बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत में जिन बातों पर संवेदकों, पंचायत प्रशासन या प्रखंड प्रशासन को ध्यान देना चाहिए, उन बातों को ताक पर रख कर निर्माण किया गया है. जिले में कई आंगनबाड़ी केंद्र तालाब के बिल्कुल व मुख्य सड़क के किनारे बनाये गये हैं, जबकि उनमें एक से पांच वर्ष तक के बच्चों को पढ़ाया जाता है. इन केंद्रों में इतने छोटे बच्चों का जाना जोखिम भरा है. कई केंद्र काफी दूर बनाये गये हैं जहां पहुंचने में बच्चों को काफी वक्त लग जाता है. बच्चों के साथ ही सेविकाओं को भी वहां तक पहुंचने में परेशानी हो रही है.
तालमेल के अभाव के कारण नहीं बन रही बात
ग्रामीण इलाकों में पंचायत या प्रखंड प्रशासन की देखरेख में भवन बनाये जा रहे हैं. भवन के निर्माण के समय बाल विकास विभाग की राय जाने बगैर केंद्र के निर्माण की वजह से जिले में बने कई आंगनबाड़ी केंद्रों का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. आंगनबाड़ी केंद्रों के बारे सेविका व सहायिका का कहना है की केंद्र गांव से काफी दूर बना दिये गये हैं जिस कारण वहां पहुंचने में दिक्कत होती है. बताया जाता है कि कुछ दिन पहले सदर प्रखंड की बैठक में आंगनबाड़ी केंद्र के हस्तांतरण के मामले में सीडीपीओ ने भी केंद्र सही जगह पर नहीं बनने की बात बतायी थी.
शहर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर कब्जा!: शहर में 28 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं. बताया जाता है कि ज्यादातर भवन या तो किराये के मकान या फिर सामुदायिक भवन में चल रहे हैं.
वहीं, कुछ केंद्रों का अपना भवन है, लेकिन उन पर अवैध कब्जा है. बताया जाता है कि शहर के वार्ड 15 में केंद्र सं. 11- 177 का संचालन 2009 से हो रहा है, लेकिन उक्त केंद्र में आसपास के लोगों द्वारा भूसा रख जा रहा है. केंद्र परिसर में थोड़ी जगह ही खाली छोड़ी गयी है. इस मामले को लेकर सेविका सरोज देवी ने सीडीपीओ को जानकारी भी दी, लेकिन इस मामले में किसी ने अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन नहीं किया है, जिससे अवैध कब्जा बरकरार है. कई और केंद्रों का भी यही हाल है.
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