मोहनिया (कैमूर) : जहां मन किया वहीं गाड़ी खड़ी कर सवारी बैठाना शुरू कर देते हैं. न तो प्रशासन का भय है और न ही दुर्घटना की चिंता. गलत तरीके से बनाये गये स्टैंडों से लोगों को परेशानी हो रही है. गौरतलब है कि बाजार की सड़कों के किनारे घंटो वाहनों को खड़ा रखा जाता है.
पिछले दिनों महाराणा प्रताप कॉलेज के एक छात्र का बैग सड़क के किनारे खड़े वाहन में फंस गया था, जिससे वह उसके नीचे आ गया और उसकी मौत हो गयी थी. बाजार में बने बस पड़ाव में वाहन कम और बाहर अधिक दिखते हैं. इसके कारण यात्रियों को परेशानी होती है.
जैसे-तैसे वाहनों को खड़ा करने से जाम भी लग जाता है. पिछले दिनों एसडीओ के अंगरक्षक से सड़क पर वाहन खड़े हुए लोग उलझ गये थे. किराये को लेकर भी हमेशा तू-तू, मैं-मैं होती रहती है.
नाबालिग चला रहे वाहन
शहर में कई ऐसे वाहन दिख जायेंगे, जिनके ड्राइवर नाबालिग है. छोटे बच्चे खलासी से लेकर कंडक्टर तक दिख रहे हैं. इसकी परवाह प्रशासन को भी नहीं है. इससे यात्रियों को परेशानी होती है.
पुलिस लाचार, ड्राइवर मस्त
सीट से अधिक यात्रियों को बस में बैठाना प्रचलन सा हो गया है. इसके लिए यात्री भी दोषी हैं. मिनी बसों में यात्रियों को ठूंस-ठूंस कर भरा जाता है. सभी वाहन थाने के पास से होकर गुजरते हैं. एनएच-दो व बाजार के पथों से गुजरते ओवरलोडेड वाहनों को देख पुलिस भी आंख बंद कर लेती है.
कहते हैं नगर पंचायत अध्यक्ष
नगर पंचायत अध्यक्ष अट्ठेय विक्रम वोस्की सिंह ने कहा कि दुर्गावती की तरफ जानेवाले छोटे-बड़े वाहन बस स्टैंड के बहार सड़क पर खड़े रहते हैं. जिला पर्षद बस स्टैंड से वसूली करता है. वाहन सड़क पर खड़ा नहीं हों. इसके लिए ठोस कदम उठाये जायें.
क्या कहते हैं एसडीओ
एसडीओ खुर्शीद अनवर सिद्दीकी ने कहा कि वाहनों को बाजार के पथों के किनारे चालक घंटों खड़ा करते हैं. इससे जाम लग जाता है. इससे निजात दिलाने के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी व नगर पंचायत पदाधिकारी सुनील दत्त झा को पत्र लिखा गया है. बाजार पथों के किनारे अवैध तरीके से घंटों वाहनों को खड़ा करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने तथा जुर्माना वसूलने की बात अधिकारियों के साथ बैठक कर तय किया जायेगा.