दो अक्तूबर को पंचायतों में हुई आमसभा में हुआ मामले का खुलासा
भभुआ शहर : सरकार के द्वारा 2011 से 2013 तक ग्रामीण इलाकों में आर्थिक सामाजिक जनगणना के तहत वैसे लोगों का सर्वे कराया गया था, जो आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े थे. इसमें सरकारी कर्मियों के अलावा जनप्रतिनिधि को भी शामिल किया गया था. इन्होंने सूची बनायी थी़
जनगणना में कुछ मानक निर्धारित किये गये थे, उनके आधार पर लाभुकों को अंक देना था. उसी के आधार पर सूची बनायी गयी़ प्राथमिकता सूची में जो लोग ऊपर थे या जिनके अंक कम थे, उनका चयन प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये करना है. लेकिन, देखा जा रहा है सूची में क्रम वार जब इंदिरा आवास सहायक या प्रखंड के व संबंधित पदाधिकारी जांच करते हैं, तो कुछ लोगों को कर्मियों के द्वारा लाभुकों की सूची में योग्य तो उसी सूची कुछ को अयोग्य ठहराया जाता है.
बोले डीआरडीए के निदेशक : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनी सूची में गड़बड़ी की शिकायतें विभाग को मिल रही हैं. सूची में नाम आने के बावजूद योजना का लाभ जांच के उपरांत ही लाभुकों को दिया जायेगा.
गांधी जयंती पर हुई आमसभा में सामने आया मामला
दो अक्तूबर को गांधी जयंती पर पंचायतों में होने वाली आमसभा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो आर्थिक सामाजिक जनगणना में तैयार की गई सूची थी, उसका प्रकाशन किया गया है. ग्रामीणों की उपस्थिति में लोगों को सूची सुनायी गयी़ सूची में शिकायत की भी तिथी बतायी गयी़ पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना से जांच करने की भी बात सामने आयी़ जो सूची आमसभा में सुनाई गयी उसमें जांच के उपरांत जिन अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को समाहित किया गया है, उनमें प्रधानमंत्री आवास सहायक, मुखिया, प्रखंडस्तरीय पदाधिकारी व जिलास्तरीय पदाधिकारी के सत्यापन के बाद ही सूची को पंचायतवार प्रकाशन करना है. लेकिन, सूची की जांच आवास सहायकों के द्वारा की गयी, तो एक ही सूची में क्रम एक को योग्य तो क्रम दो को अयोग्या, क्रम तीन को अयोग्य तो क्रम चार को योग्य लिखा गया है.