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हिरणों से खेतों की रखवाली में छूट रहे पसीने

नुआंव : नदियों में आये उफान से तलहटी में रहनेवाले हिरणों व वन सूअरों का झुंड ऊपर के मैदानी भाग के खेतो में जा पहुंचा है. किसानों को हिरणों के झुंड से फसल बचाने में काफी मुश्किल हो रही है. किसान ललन पांडेय, नजबुल होदा, शिवजी राम, हरिहर सिंह ने बताया कि खेतों से इन्हें […]

नुआंव : नदियों में आये उफान से तलहटी में रहनेवाले हिरणों व वन सूअरों का झुंड ऊपर के मैदानी भाग के खेतो में जा पहुंचा है. किसानों को हिरणों के झुंड से फसल बचाने में काफी मुश्किल हो रही है. किसान ललन पांडेय, नजबुल होदा, शिवजी राम, हरिहर सिंह ने बताया कि खेतों से इन्हें भगाने के लिए कई उपाय किये गये हैं. सरकार द्वारा लागू किये गए कानून में इन्हें मारना भी जुर्म है. ऐसे में फसल को सामने नष्ट होते देखना पड़ रहा है.
जिन क्षेत्रों में हिरणों के झुंड से हो रही तबाही: हिरणों के कारण क्षेत्र कारीराम, अकोल्ही, नुआंव, पजराव, अखिनी व अवंती के मैदानी भाग के खेतों में इनकी संख्या एक साथ दर्जनों में देखी जा सकती. पिछले वर्ष कारीराम गांव के बधार में वन सूअरों के झुंड के हमले से गांव के एक महादलित की जान चली गयी थी, जबकि तीन अन्य घायल हुए थे.
पिछले तीन साल में कई बार शिकारियों के हत्थे चढ़े हिरण
वन विभाग की उदासीनता के कारण पिछले तीन वर्षों में कई बार हिरणों को शिकारियों के हत्थे चढ़ना पड़ा. उत्तर प्रदेश व बिहार का सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण तस्कर आसानी से हिरणों को मारकर आसानी से कर्मनाशा नदी पार कर जाते हैं. हालांकि ग्रामीणों की तत्परता से रामगढ़ के नरहन बड़ौरा के क्षेत्र से दो बार शिकारियों को पकड़ कर जेल भी भेजा गया है.

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