वर्ष 2015 में 109, जबकि 2016 में चार माह में हुईं अगलगी की 107 घटनाएं
मोहनिया (सदर) : विभाग के कागजी पेच मे फंसी दमकल विभाग की गाड़ियों को बनवाने का नाम विभाग नहीं ले रहा है. इसका नतीजा यह है कि मोहनिया अनुमंडल की करीब 8 लाख की आबादी को आगलगी से बचाने के लिए महज एक ही वाहन पर निर्भर होना पड़ रहा है. पिछले वर्ष 28 अप्रैल को रामगढ़ प्रखंड के महुआरी गांव में लगी भीषण आग को बुझाने के बाद 2500 लीटर क्षमता वाला दमकल का वाहन नेशनल हाइवे 30 पर रामपुर के पास एक टेंपो को बचाने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. तब से अब तक एक वर्ष का समय बीत गया, लेकिन वाहन नहीं बन सका.
इसको बनवाने में 48 हजार रुपये की लागत आनी है. इसका बिल तैयार कर विभाग व जिला को भेजा जा चुका है. लेकिन अब तक इस पर कोई पहल नहीं हुई.
अब तक हुई आगलगी की 107 घटनाएं : पिछले वर्ष की आगलगी की घटनाओं पर नजर डालें, तो एक साल मे 109 घटनाएं हुई थीं, जबकि चालू वर्ष के अप्रैल माह तक 107 आगलगी की घटनाएं हो चुकी हैं.