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आयुष चिकित्सक होने के बावजूद दवाएं नहीं
मोहनिया अनुमंडल अस्पताल का हाल मोहनिया(सदर) : अनुमंडल अस्पताल मे आयुष चिकित्सकों को विभाग ने पदस्थापित तो कर दिया है, पर विडंबना तो यह है कि इनके पैथी की दवा विभाग उपलब्ध कराने मे नाकाम रहा. इसका परिणाम यह है कि ये आयुष चिकित्सक अपनी पैथी की दवाओं के अभाव मे एलोपैथ दवाएं मरीजों को […]
मोहनिया अनुमंडल अस्पताल का हाल
मोहनिया(सदर) : अनुमंडल अस्पताल मे आयुष चिकित्सकों को विभाग ने पदस्थापित तो कर दिया है, पर विडंबना तो यह है कि इनके पैथी की दवा विभाग उपलब्ध कराने मे नाकाम रहा. इसका परिणाम यह है कि ये आयुष चिकित्सक अपनी पैथी की दवाओं के अभाव मे एलोपैथ दवाएं मरीजों को लिखने को विवश हैं, जबकि किस एलोपैथ दवा का क्या असर होगा शायद इन्हें खुद भी न मालूम हो, लेकिन ये करें भी तो क्या ड्यूटी करनी भी जरूरी है और यदि ड्यूटी करनी है, तो मरीजों का इलाज तो करना ही पड़ेगा. ऐसी स्थिति में न चाह कर भी मरीजों को एलोपैथ दवाएं लिखनी ही पड़ती है.
2014 मे पहली बार अस्पताल पहुंची थीं होमियोपैथी दवाएं: अनुमंडलीय अस्पताल में पहली बार वर्ष 2014 में कुछ होमियोपैथी दवाएं विभाग द्वारा भेजी गयी थीं. वह भी पेटेंट थीं, उसे भी काफी समय तक आयुष चिकित्सकों को हैंड ओवर नहीं किया गया. बाद में दवाओं को आनन-फानन मे आयुष चिकित्सक को हैंडओवर किया गया. इसके बाद मरीजों को दवाएं दी जाने लगी. लेकिन, काफी कम मात्रा में. दवाएं एक से डेढ़ माह में ही खत्म हो गयीं. इसके बाद आज तक दवाएं अस्पताल को नसीब नहीं हो सकीं.
क्यों अधिक मरीज पसंद करते हैं होमियोपैथी दवाएं: कई रोगों का सफल इलाज होमियोपैथ दवाओं से संभव है और ये दवाएं एलोपैथ दवाओं की अपेक्षा काफी सस्ती होती हैं. साथ ही इन दवाओ का कोई साइडइफेक्ट नहीं होता है. होमियोपैथ में रोग नहीं, बल्कि उसके लक्षण का इलाज किया जाता है. इससे सिम्टम मिलने से उसे जड़ से ठीक करना काफी आसान हो जाता है.
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