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एड्स लाइलाज भी समाधान भी – विश्व एड्स दिवस आज, कैमूर में 2004 से अब तक 265 एचआईवी एड्स से संक्रमित मरीज – विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग आयोजित करेगा नुक्कड़ नाटक सहित कई कार्यक्रम भभुआ(सदर). एचआईवी एड्स यानी लाइलाज भी और इसका समाधान भी विश्व एड्स दिवस आज है और […]

एड्स लाइलाज भी समाधान भी – विश्व एड्स दिवस आज, कैमूर में 2004 से अब तक 265 एचआईवी एड्स से संक्रमित मरीज – विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग आयोजित करेगा नुक्कड़ नाटक सहित कई कार्यक्रम भभुआ(सदर). एचआईवी एड्स यानी लाइलाज भी और इसका समाधान भी विश्व एड्स दिवस आज है और स्वास्थ्य विभाग द्वारा एचआईवी एड्स के विषय पर जागरूकता के लिए नुक्कड़ नाटक, विचार गोष्ठी सहित कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे कैमूर जिले में भी एचआईवी एड्स के पॉजेटिव मरीज काफी तेजी से बढ़े हैं वर्ष 2014 में जहां केवल 26 मरीज ही एचआईवी एड्स से संक्रमित मरीज थे वहीं इस वर्ष यानी 2015 के नवंबर माह तक ही 33 मरीजों में एचआईवी एड्स के लक्षण पाये जा चुके हैं वहीं सदर अस्पताल में वर्ष 2004 में स्थापित एचआईवी एड्स जांच केंद्र के आंकड़ों पर गौर करे तो वर्ष 2004 से नवंबर 2015 तक कैमूर जिले में एचआईवी एड्स से संक्रमित 265 मरीज पाये जा चुके हैं. एचआईवी एड्स से संक्रमित आंकड़ों में 171 पुरुष और 94 महिला मरीज हैं इनमें गर्भवती महिलाओं की संख्या भी नौ है.- बाहर से लेकर आते हैं संक्रमण कैमूर जिले में एचआईवी एड्स से संक्रमित अधिकतर मरीज बाहरी प्रदेशों से यह संक्रमण लेकर आते हैं एचआईवी एड्स जांच केंद्र के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सह एड्स जांच केंद्र के नोडल पदाधिकारी डा. विवेक कुमार सिंह अधिकतर वैसे लोग एचआईवी एड्स संक्रमित पाये जाते हैं जो बाहरी प्रदेशों में कमाने जाते हैं वहां वह किसी संक्रमित महिला से संबंध बनाने के चलते इसके शिकार हो जाते हैं वैसे लोगों में अधिकतर लोग स्वास्थ्य खराब रहने पर जब अपने गांव पहुंचते हैं तब जा कर उन्हें एहसास होता है कि वह भी इससे संक्रमित हो चुके हैं उन्होंने बताया कि काफी तेजी से फैल रहे इस बीमारी से लोगों को बचाया जा सके इसका उपाय विश्व स्तर ढुंएा जा रहा है लेकिन, रोग से बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानियों, नियंत्रित जीवन शैली और रोग से जुड़े मिथकों को दूर कर लोगों को शिक्षित करना भी आवश्यक है. – सावधान रह कर विवेक से करे बचावएचआईवी एड्स के सावधान रह कर विवेक से इसका बचाव किया जा सकता है सदर अस्पताल स्थित एचआईवी एड्स जांच केंद्र के मेडिकल काउंसलर डा. सुनील कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जांच केंद्र में सदर अस्पताल के ओपीडी, दोस्ताना सफल संस्थान और गांधी कुष्ठ निवारण प्रतिष्ठान से आये लोगों का प्रावेधिकी कीट से जांच की जाती है इसके जांच के बाद ही पताा चलता है कि मरीज एचआईवी संक्रमित है. उन्होंने बताया कि एड्स से बचाव के लिए खून चढ़वाने से पहले उसकी एचआईवी जांच सुनिश्चित कर लेनी चाहिए जबकि सुई लेते वक्त हमेशा नये डिसपोजेबल सीरींज का उपयोग करे वहीं बच्चों को इस संक्रमण से बचाने के लिए हमेशा सरकारी संस्थानों में ही डिलिवरी कराये इसके अलावे एड्स जैसे घातक बीमारी से बचने के लिए असुरक्षित सहवास के समय निरोध का प्रयोग आवश्यक रुप से किया जा सकता है. – जिले में साल दर साल मरीजों के आंकड़ेवर्ष – एचआईवी जांच – पॉजेटिव मरीज 2004 – 181 – 122005 – 6432 – 272006 – 1257 – 272007 – 1457 – 212008 – 913 – 102009 – 1416 – 192010 – 1437 – 232011 – 1896 – 30 2012 – 2038 – 14 2013 – 1921 – 232014 – 3169 – 26 2015 नवंबर तक – 2475 – 33 …………………फोटो…………

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