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सुबह भरती हुई महिला दोपहर तक पड़ी रही बेसुध

मोहनिया (सदर) : अनुमंडलीय अस्पताल के डॉक्टरों का रवैया मरीजों के प्रति कैसा है? यह शनिवार को एक बार फिर उजागर हुआ. शनिवार की सुबह खजुरा गांव की मारपीट में घायल एक महिला को उसके परिजन अस्पताल लेकर आये. डॉ एके दास ने बिना रजिस्ट्रेशन कराये, परचे पर बिना दवा लिखे व बिना मरीजों से […]

मोहनिया (सदर) : अनुमंडलीय अस्पताल के डॉक्टरों का रवैया मरीजों के प्रति कैसा है? यह शनिवार को एक बार फिर उजागर हुआ. शनिवार की सुबह खजुरा गांव की मारपीट में घायल एक महिला को उसके परिजन अस्पताल लेकर आये. डॉ एके दास ने बिना रजिस्ट्रेशन कराये, परचे पर बिना दवा लिखे व बिना मरीजों से कुछ पूछे ही उसे आइबी फ्लूड (पानी) लगवा दिया.
इसके अलावे मरीज को न ही कोई इंजेक्शन या दवा ही दी गयी और न ही दुबारा किसी डॉक्टर ने उस गंभीर हालत में बेसुध पड़ी घायल महिला की सुध ली. घायल महिला दोपहर तक स्ट्रेचर पर मृत की स्थिति में पड़ी रही. दोपहर 1:40 बजे तक उसके परिजन कभी इधर,तो कभी उधर,दौड़ते रहे.
रिपोर्टिग के दौरान अस्पताल पहुंचे संवाददाता की नजर उक्त महिला पर पड़ी, तो प्रभारी उपाधीक्षक डॉ बदरूद्दीन से इस मामले में जानकारी मांगी. इस पर डॉ बदरूद्दीन आनन-फानन में अपने आवास से इमरजेंसी कक्ष पहुंचे व डॉ एके दास की गलती बताते हुए रजिस्टर में इंट्री कर महिला को वाराणसी रेफर कर दिया.
इस दौरान महिला के परिजन मुकुल प्रजापति ने बताया कि सुबह से ही बिना इलाज घायलों को लेकर यहां पड़े हैं. कोई इलाज नहीं हो रहा है और न ही रेफर किया जा रहा है. गौरतलब है कि ऐसी ही लापरवाही की बदौलत कई बार डॉक्टरों को फजीहत ङोलनी पड़ चुकी है. इधर, डॉ एके दास ने कहा कि वह ड्यूटी पर नहीं थे. ऐसे ही अस्पताल गये थे, तो मरीजों को देख लिया. डॉ बदरूद्दीन को इलाज के लिये कहा था. लेकिन, उन्होंने मरीज को नहीं देखा.

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