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चुनावी साल में व्यवसायियों को सरकार के निर्णयों से उम्मीद

भभुआ सदर : वर्ष 2019 में भी सिक्कों की आमद व जीएसटी के उधेड़बुन के चलते छोटे शहर के व्यवसायियों को आफत झेलनी पड़ी. इधर, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लिए गये निर्णयों से किसी को इस वर्ष फायदा हुआ, तो कई को घाटा. पहले से ही मंदी के दौर से जूझ रही बाजार भी […]

भभुआ सदर : वर्ष 2019 में भी सिक्कों की आमद व जीएसटी के उधेड़बुन के चलते छोटे शहर के व्यवसायियों को आफत झेलनी पड़ी. इधर, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लिए गये निर्णयों से किसी को इस वर्ष फायदा हुआ, तो कई को घाटा. पहले से ही मंदी के दौर से जूझ रही बाजार भी व्यवसायियों की तरह सरकार की जीएसटी जैसे सख्त और कम लचीले कदम के समक्ष पूरी तरह धराशायी नजर आयी. सरकार के निर्णयों से एक समय तो ऐसा दौर भी आया, जब कुछ लोग यह भी मानने लगे कि बाजार का दायरा बहुत जल्दी सिमट जायेगा.

लेकिन, केंद्र सरकार द्वारा साल के अंत आते आते जीएसटी में किये गये व्यापक संशोधन से बाजार की आफत तो कम हुई. लेकिन, इन सब में साल 2019 भी बीतने लगा. इसके अतिरिक्त 2019 में बाजार के व्यापक विस्तार और शहर में खुल आये मॉल व मेगा मार्केट के चलते करीब दशक भर पूर्व से बाजार में जमे दुकानदार भी अपने अथक परिश्रम की बदौलत इसे जीवित रखने में जद्दोजहद करते रहे.
इधर, 20 वर्षों से शहर के व्यवसाय पर नजर रखनेवाले और जदयू अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष शाहवान राइन बताते हैं कि वर्ष 2019 के आरंभ से ही बाजार मंदी के दौर से आरंभ हुआ. साल भर ठीक चला. लेकिन, साल के अंत आते-आते घरेलू गैस के अलावा प्याज के भाव में अचानक तेजी आ गयी.
सेब, केला, संतरा, अंगूर के दामों में भी दशहरा व छठ, दीपावली के अवसर पर इजाफा हुआ. बीच-बीच में दाम में छलांग लगता रहा. इस वर्ष सिर्फ किसानों के खेती के समय में धान, गेहूं, तेलहन व दलहन के बीज के दामों में उछाल रहा. इधर, समय से बाजार में लोकल किसानों के सब्जियों के आलू, फूलगोभी, टमाटर, मटर, बैगन पहुंच जाने से सब्जियों के दामों में भी साल का अंत आते-आते गिरावट आ गयी.
वैसे अरहर व चना के दाल के भाव में वर्ष भर तेजी बनी रही. व्यवसायियों और ग्रामीण इलाके से शहर आकर व्यापार करनेवाले छोटे व्यापारियों को वर्ष 2020 में लगन और शादी ब्याह के अवसर अधिक होने से बाजार में तेजी की उम्मीद दिख रही है. इसके अलावा 2020 चुनावी साल भी होने के चलते हर तरफ राहत की उम्मीद नजर आ रही है.
ऑटोमोबाइल बाजार में रहा दमखम : इस वर्ष 2019 में चारपहिया व दोपहिया वाहनों की बिक्री में इजाफा रहा. खासकर, अक्तूबर और नवंबर महीने में भले ही देशभर में मंदी रही लेकिन, जिले में इस वर्ष दीपावली व धनतेरस सहित लग्न में कई कंपनियों के बाइक व स्कूटी की रिकॉर्ड बिक्री हुई. लोग काफी संख्या में विभिन्न ब्रांडों के बाइक व स्कूटी की खरीद करने में पीछे नहीं रहे.
इसके साथ ही कार सहित ट्रैक्टर व अन्य चारपहिया सवारी वाहनों की खूब बिक्री हुई. वहीं, प्रदूषण के कारण बाइक की इंजनों में बदलाव संबंधी न्यायालय के आदेश को लेकर बड़े पैमाने पर दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई थी. इससे इस वर्ष बाइक व स्कूटी एजेंसी गुलजार रही. नये साल में भी दोपहिया वाहनों के एजेंसी मालिकों को उम्मीद हैं कि बढ़ते यातायात के दबाव में इस वर्ष 2020 में भी बाइक खासकर तरह-तरह के आ रहे स्कूटी के बाजार में तेजी बनी रहेगी.
2019 में भी सिक्के बने रहे जी का जंजाल: 2017-18 की तरह इस वर्ष भी रुपये-पैसे चर्चा के केंद्र में रहे. एक ओर जहां बड़े नोट के बाजार में आने से सिक्के जी के जंजाल साबित हुए, फिर बाजार में सिक्कों की मांग अचानक घट गयी. बैंक से लेकर बाजार तक में सिक्के नकारे जाने लगे. वहीं, सबकुछ जानकारी होने के बाद भी प्रशासन व सरकार की एजेंसी इस दिशा में गंभीर नहीं हुई.
आलम यह रहा कि सिक्कों से जुड़े कारोबार करनेवालों के लिए इस वर्ष भी अंत तक यह जी का जंजाल बना रहा. जिले में स्थापित कुछ बैंकों की बेरुखी तो ऐसी रही कि सिक्के रखना मानो अभिशाप साबित होता रहा और सिक्कों की मार्केट वैल्यू कम हो गये. जबकि, आरबीआई की ओर से इसको लेकर स्पष्ट आदेश जारी किया गया था. लेकिन, गाइडलाइन जारी होने के बाद भी जिले में छोटे एक के सिक्के चलन से गायब हो गये.
स्वर्ण कारोबारी निहाल, तो रेडीमेड कपड़ों में उदासी
वर्ष 2019 भी स्वर्ण व्यवसायियों के लिए अच्छा रहा. दीपावली से लेकर धनतेरस व छठ के मौके पर इनके आभूषणों की खूब बिक्री हुई. जबकि, शादी विवाह का लग्न भी होने के कारण आभूषणों की खरीदारी जारी रही.
इधर, इस वर्ष कपड़ा व्यवसाय में भी जीएसटी के घालमेल सहित बाजार के बढ़ते प्रभाव का खास असर देखा गया. साथ ही अब ठंड बढ़ने के साथ ही ऊनी कपड़ों की बिक्री आरंभ हुई. लेकिन, शहर में खुल आये मॉल से रेडीमेड कपड़ा व्यवसायियों के व्यापार पर मंदी छाया रहा. पर रेडीमेड व्यवसायियों को नये साल 2020 जनवरी महीने से बढ़े ठंड से कुछ कारोबार की उम्मीद है.
जीएसटी में सुधार से गुलजार होगा बाजार
साल 2019 कुछ व्यवसायियों के लिए जहां फायदेमंद रहा, तो कई व्यवसाय में छोटे शहर के व्यापारियों को भी क्षति उठानी पड़ी. लेकिन, शहर के व्यवसायियों को उम्मीद हैं कि साल 2020 में केंद्र सरकार द्वारा लगातार किये जा रहे जीएसटी में सुधार से धड़ाम से गिरे बाजार की सेहत में सुधार होने की उम्मीद है.
शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी वीरेंद्र गुप्ता ने नये साल में सरकार के फैसले पर बताया कि केंद्र सरकार के साहसिक फैसले और नीति के चलते पिछले वर्ष तो लगा कि यहां का पूरा बाजार ही चौपट हो जायेगा. कहा कि एक तरफ बाजार में सिक्कों की मार थी, तो दूसरी तरफ नोटबंदी का असर व जीएसटी की दो धारी तलवार.
ऐसे में शहर के व्यवसायियों में भी किसानों जैसी आत्महत्या करने की स्थिति नजर आ रही थी. लेकिन, साल के अंत आते-आते बाजार और व्यवसाय में धीरे-धीरे सुधार हुआ है. लेकिन, बाजार अब भी पूरी तरह नहीं संभला है, पर नये वर्ष 2020 में उम्मीद की जा सकती है कि केंद्र सरकार इस दिशा में पहल कर बाजार को फिर से रौनकता प्रदान करें.
शहर में प्रतिष्ठित व्यवसायी राजू रस्तोगी का कहना था कि जीएसटी में सरकार जैसे-जैसे संशोधन कर रही है. व्यवसाय की ठहरी हुई रफ्तार भी तेज होने की उम्मीद बढ़ रही है.
नये साल में सरकार को यह समझना होगा कि बड़े व्यवसायियों के साथ छोटे व मझोले व्यवसायियों को भी लाभ व सुरक्षा देकर देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सकता है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्तमंत्री से उम्मीद है कि नये वर्ष में वे व्यवसायियों को राहत दे सकते हैं और बाजार 2020 में एक बार फिर अपनी गति से आगे बढ़ कर देश के विकास की कड़ी को और मजबूती प्रदान करेगा.

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