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श्रमिक को वृद्धावस्था में मिलेगी तीन हजार रुपये की मासिक पेंशन

भभुआ : प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना जिले में मंगलवार से शुरू हो गयी है. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का उद्घाटन किया. तत्पश्चात डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी व जिला श्रम अधीक्षक ने जिले में प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना की शुरुआत करते हुए जिले के 40 श्रमिकों को मान […]

भभुआ : प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना जिले में मंगलवार से शुरू हो गयी है. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का उद्घाटन किया. तत्पश्चात डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी व जिला श्रम अधीक्षक ने जिले में प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना की शुरुआत करते हुए जिले के 40 श्रमिकों को मान धन योजना का कार्ड बांटा. इस अवसर पर जिला समाहरणालय स्थित जिला पर्षद भवन के सभागार में काफी संख्या में जिले के श्रमिक सहित अधिकारी उपस्थित रहे.
इस मौके पर डीएम ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना के बारे में विस्तृत प्रकाश डालते हुए बताया कि इस योजना के तहत जिले भर के 15 हजार रुपये से कम मासिक कमाने वाले श्रमिक या निजी संस्थानों में कार्यरत लोग अपना पंजीकरण आसपास के वसुधा केंद्रों व कॉमन सेंटर पर करवा सकते है.
इस योजना के तहत श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिक को प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना के तहत 60 वर्ष के बाद तीन हजार रुपये मासिक पेंशन दी जायेगी. लेकिन, इसके लिए लाभार्थी की मासिक आमदनी 15 हजार रुपये या उससे कम होनी चाहिए. इसके लिए 18 वर्ष की आयु में इस योजना से जुड़ने वाले असंगठित श्रमिक को 18 वर्ष में 55 रुपये हर माह अंशदान देना होगा.
जबकि, 25 वर्ष से ऊपर वालों को 80, 29 वर्ष पर 100 और 35 वर्ष में 150 व 40 से ऊपर वाले को 200 रुपये मासिक देना होगा. श्रमिकों के इस अंशदान के अलावे सरकार भी हर माह अपनी तरफ से लाभुक व्यक्ति के खाते में इतना ही अंशदान करेगी. जिला श्रम अधीक्षक ने बताया कि इस योजना के तहत वैसे श्रमिक इस योजना के पात्र हो सकते है, जिनकी आमदनी प्रति महीने 15 हजार रुपये से कम हो और उनकी उम्र 18 से कम और 40 से अधिक नहीं हो.
इस योजना में आयकर दाता, नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ ले रहे लाभुक और ईएसआई और ईपीएफ के दायरे वाले लोग शामिल नहीं हो सकते. इतना ही नहीं अगर किसी मजदूर का आगे चल कर कमाई 15 हजार से अधिक होने लगती है, तो उन्हें भी इस योजना से बाहर का रास्ता देखना पड़ेगा. लेकिन, वैसे मजदूरों को बाहर निकलने के पहले तक की गयी उसकी जमा राशि को सरकार ब्याज के साथ लौटा देगी.
इस योजना से जुड़े किसी मजदूर की अगर मौत हो जाती है, तो सरकार के स्तर से उनके आश्रितों को ढाई से छह लाख तक का लाभ भी दिया जायेगा. श्रम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस योजना से जुड़ने वाले श्रमिकों का आधार कार्ड से मोबाइल नंबर और बैंक खाते का आपस में लिंक होना जरूरी है.

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