भभुआ : गया-मुगलसराय रेलखंड के मोहनिया स्थित भभुआ रोड स्टेशन पर शुक्रवार को लालकुआं एक्सप्रेस की चपेट में आने से दो सगी बहनों समेत पांच लोगों की मौत हो गयी. वहीं, ट्रेन के झटके से करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गये. इस दर्दनाक घटना के बाद स्टेशन पर अफरातफरी मच गयी. आनन-फानन में घायलों को इलाज के लिए मोहनिया के निजी अस्पताल में ले जाया गया. घटना की सूचना पर जीआरपी, आरपीएफ, मोहनिया थाने की पुलिस सहित मोहनिया डीएसपी घटनास्थल पर पहुंचे और ट्रैक से सभी शवों को हटा कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल सासाराम भेज दिया. घटना के बाद मोहनिया स्टेशन पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया.
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की शाम मोहनिया स्थित भभुआ रोड स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर बनारस से रांची (18612) जानेवाली इंटरसिटी एक्सप्रेस आनेवाली थी. इंटरसिटी एक्सप्रेस पर चढ़ने के लिए प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर काफी भीड़ थी. ऐसे में कुछ लोग ट्रेन के उल्टी साइड से चढ़ने के लिए पटरी पर चले आये. जब 05:40 मिनट पर इंटरसिटी एक्सप्रेस आकर रुकी, तो ट्रेन में चढ़ने के लिए हल्ला होने लगा. इसी बीच रिवर्स लाइन से अप में लालकुआं एक्सप्रेस तेज रफ्तार में चली आयी. इस कारण इंटरसिटी एक्सप्रेस पर चढ़ने के लिए उल्टी दिशा में दो ट्रैक के बीच खड़े करीब पांच लोग ट्रेन की चपेट में आ गये, जिनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. वहीं, तेज रफ्तार लालकुआं ट्रेन के झटके से करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गये.
घटना के बाद स्टेशन पर चारों तरफ चीख पुकार मच गयी. लालकुआं एक्सप्रेस के गुजरने के बाद लोग स्टेशन पर अपनों की तलाश में इधर-उधर भागने लगे. इधर, आनन-फानन में घायल हुए लगभग आधा दर्जन लोगों को स्टेशन के पास ही निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. घायलों में कीर निवासी धर्मेंद्र कुमार, घेघिया निवासी सचिन कुमार, धनोज कुमार, बिक्रमगंज निवासी लीलावती देवी व सोहराब शामिल हैं. सभी का इलाज निजी अस्पताल में किया जा रहा है. वहीं, सूचना पर मोहनिया एसडीओ शिव कुमार राउत पहुंचे और घायलों को इलाज के लिए एंबुलेंस बुलवाया और उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया.
इधर, सूचना के बाद आरपीएफ प्रभारी आरके राम, जीआरपी प्रभारी विनय राय घटनास्थल पर पहुंचे. सभी लाइन पर ट्रेन का आवागमन बंद कर दिया गया. घटना की सूचना पर मोहनिया डीएसपी रघुनाथ सिंह, थानाध्यक्ष मोहनिया पहुंचे और ट्रैक पर पड़े शव को रेलवे लाइन से हटा कर पोस्टमार्टम के लिए सासाराम सदर अस्पताल भिजवाया. इसके बाद रेलवे लाइन पर ट्रेनों का आवागमन शुरू हो सका.