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शाम ढलने के बाद सिटी पार्क की ओर जाने से लगता है भय

अंधेरे रास्ते से ही पुलिस लाइन आते-जाते हैं महिला व पुरुष जवान भभुआ सदर : वार्ड नंबर सात वैसे तो शहर का सबसे पॉश एरिया कहलाता है और इसी एरिए में एसपी आवास से लेकर पुलिस लाइन, भभुआ प्रखंड कार्यालय, थाना, सदर अस्पताल, जगजीवन स्टेडियम, इंडोर स्टेडियम, सिटी पार्क सहित नामी गिरामी लोगों का आवास […]

अंधेरे रास्ते से ही पुलिस लाइन आते-जाते हैं महिला व पुरुष जवान

भभुआ सदर : वार्ड नंबर सात वैसे तो शहर का सबसे पॉश एरिया कहलाता है और इसी एरिए में एसपी आवास से लेकर पुलिस लाइन, भभुआ प्रखंड कार्यालय, थाना, सदर अस्पताल, जगजीवन स्टेडियम, इंडोर स्टेडियम, सिटी पार्क सहित नामी गिरामी लोगों का आवास हैं, लेकिन इस पॉश एरिया वाले वार्ड में प्रकाश की व्यवस्था बेहतर नहीं रहने के चलते शाम ढलने के बाद शहर के लोग दो पल के चैन और आराम के लिए सिटी पार्क या स्टेडियम का रुख नहीं कर सकते और ना लोग करते हैं. ऐसा इस लिए नहीं कि सिटी पार्क में प्रकाश की व्यवस्था नहीं हैं. पार्क में प्रकाश की तो भरपूर व्यवस्था हैं, लेकिन वहां तक पहुंचने वाले रास्ते पर घना अंधेरा रहता है.
इसी अंधेरे रास्ते से होकर पुलिस लाइन में रहनेवाले महिला व पुरुष सिपाही भी आना-जाना करते हैं. सबसे अधिक तकलीफ वैसे लोगों को होती है, जो सुबह चार बजे ही टहलने या योगाभ्यास करने स्टेडियम निकलते हैं. वैसे लोग मुख्य सड़क पर लगी स्ट्रीट लाइट के सहारे ब्लॉक मोड़ तक तो आ जाते हैं, फिर वहां से उन्हें अंधेरे का सामना करना पड़ता हैं. कुछ ऐसी ही स्थिति गुरुट्रेनिंग स्कूल वाले रास्ते में भी हैं, जहां एक भी लाइट नहीं लगी है. वार्ड के अरविंद राय, रामेश्वर सिंह, परशुराम सिंह आदि का कहना था कि नगर पर्षद को चाहिए कि स्टेडियम व पार्क होने की वजह से प्रकाश की व्यवस्था सुदृढ़ करें. लेकिन, नगर पर्षद जब तक लाइट लगाती है,
तब तक दूसरे जगह पर लगा बल्ब जवाब दे देता है. हमलोगों के मुहल्ले में सामुदायिक भवन से अंदर जानेवाले रास्ते के बीच नाली टूटी होने के चलते पानी सड़क पर ही रहता हैं. इसके चलते शाम ढलने के बाद घर तक सही सलामत पहुंच जाएं यही बड़ी बात होती है. गृहिणी सुमन सिंह, मालती देवी, स्नेहा वर्मा का कहना था कि सुबह में ही काम से फुर्सत रहता हैं. लेकिन, स्टेडियम और पार्क की ओर इतना अंधेरा रहता है कि सुबह चार बजे उठ कर जाने में भय लगता है. वैसे तो अन्य जगहों मलाई बाबू की गली, नहर चौक सहित मुख्य सड़कों पर प्रकाश की व्यवस्था फिलहाल ठीकठाक हैं. लेकिन, इन जगहों पर भी कई स्थानों पर एलईडी खराब पड़ी हुई हैं.
नगर पर्षद से मिलीं सिर्फ 20 एलईडी लाइटें
वार्ड के कई प्रमुख स्थानों पर प्रकाश की बेहतर व्यवस्था नहीं रहने पर वार्ड पार्षद मनोज सिंह का कहना था कि उन्हें 15 दिन पहले नगर पर्षद की ओर से 20 एलईडी मिले थे. उसे जगह-जगह लगा दिया गया. लेकिन,अब भी कई ऐसे जगह हैं जहां लाइट लगाया जाना बहुत जरूरी हैं. लेकिन,अगर नगर पर्षद लाइट की व्यवस्था नहीं करती हैं, तो वह स्वयं अपने खर्च पर बाकी बचे स्थानों पर एलईडी लगाने का काम किया जायेगा.
मनोज सिंह, वार्ड सात, पार्षद
स्टेडियम के रास्ते में लाइट की जरूरत
इस वार्ड में प्रकाश की व्यवस्था एकदम खराब हो चुकी है. मुहल्ले में अगर दुकान नहीं रहते तो शाम ढलने के बाद अंधेरे से लोग आना-जाना छोड़ चुके होते. नगर पर्षद को चाहिए कि बरसात से पहले हर जगह कम से कम प्रकाश की तो व्यवस्था कर दे.
रामबचन पांडेय
मुहल्ले में लाइट लगाने को कई बार कहा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. बरसात के दिन में खराब रास्ते की वजह से गिरने का डर बना रहता हैं. नगर पर्षद के अधिकारियों व पार्षद को लोगों को हो रही दिक्कत से कोई मतलब ही नहीं है़
कैलाश प्रसाद
मुहल्ले में घर के सामने लाइट लगायी गयी थी, लेकिन क्वालिटी घटिया होने या फिर किसी खराबी के चलते दो दिन बाद ही फिर से गली में अंधेरा छा गया.
रमेश प्रसाद सिंह
गली में लाइट लगायी गयी है, लेकिन मरम्मत के अभाव में सभी बंद पड़े हुए हैं. नगर पर्षद को चाहिए कि नयी लाइट लगाने से पहले सभी पहले लगे लाइट की मरम्मत कराये.

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