जमीन के दाखिल खारिज में ऑनलाइन प्रक्रिया ने डाला अडंगा, लोग हो रहे परेशान
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एक अप्रैल से सभी अंचलों में नहीं शुरू हो सका ऑनलाइन दाखिल खारिज
जमीन के दाखिल खारिज में ऑनलाइन प्रक्रिया ने डाला अडंगा, लोग हो रहे परेशान भभुआ नगर : जमीन दाखिल खारिज को लेकर इन दिनों लोगों की परेशानी काफी बढ़ गयी है. सरकार द्वारा ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाने के आदेश के बाद जहां जिलास्तर पर अब तक जमीन दाखिल खारिज के लिए ऑनलाइन सिस्टम सुचारु ढंग से […]
भभुआ नगर : जमीन दाखिल खारिज को लेकर इन दिनों लोगों की परेशानी काफी बढ़ गयी है. सरकार द्वारा ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाने के आदेश के बाद जहां जिलास्तर पर अब तक जमीन दाखिल खारिज के लिए ऑनलाइन सिस्टम सुचारु ढंग से काम नहीं कर रहा है. वहीं, जमीन की रजिस्ट्री करा चुके लोग दाखिल खारिज की प्रक्रिया के लिए कार्यालय का चक्कर लगाने के लिए विवश हैं. एक अप्रैल से सभी प्रखंडों में दाखिल खारिज की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी हो चुका है.
लेकिन, अब तक सॉफ्टवयेर की समस्या और जरूरी प्रशिक्षण के अभाव में लोग दर-दर भटक रहे हैं. जिले के चैनपुर के रहनेवाले मुकेश कुमार ने शहरी क्षेत्र में जमीन की खरीदारी की है. वहीं, शहर के ही पटेल चौक के अमित सिंह ने भी जमीन खरीदी है. इन लोगों ने जमीन की खरीदारी इसलिए की है ताकि वहां घर का निर्माण करवा सके. लेकिन, दाखिल खारिज के चक्कर में उनका सारा काम बाधित हो रहा है और वे घर का निर्माण शुरू नहीं करवा पा रहे हैं. क्योंकि, बगैर दाखिल खारिज के उनका नक्शा पास नहीं हो रहा है. यह समस्या केवल इन्हीं दो लोगों की नहीं है. ऐसे और भी लोग हैं, जिन्होंने जमीन की खरीदारी तो कर ली है.
ऑफलाइन सेवा भी बंद
बताया जाता है कि पिछले दिसंबर माह से ही यह प्रक्रिया यहां बंद है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं कि अगर आपने शहर में जमीन खरीदा है और घर बनाने की इच्छा रखते हैं तो अपनी इच्छाओं का फिलहाल गला घोंट लें. दरअसल, विभाग ने ऑनलाइन दाखिल-खारिज के चक्कर में ऑफलाइन दाखिल खारिज को भी रोक दिया है. इस संबंध में डीसीएलआर उत्तम कुमार कहना है कि सरकार का ही ऐसा निर्देश है कि ऑनलाइन दाखिल खारिज ही करना है.
रजिस्टर टू में चढ़ाना अनिवार्य
मिली जानकारी के अनुसार, जल्द ही प्रक्रिया चालू हो जायेगी. जमीन खरीद-बिक्री की प्रक्रिया में विभाग द्वारा इस व्यवस्था को ऑनलाइन करने के चक्कर में प्रक्रिया पर ग्रहण लगा हुआ है. जमीन की खरीदारी करने पर उसकी रजिस्ट्री करा लेने से ही वह जमीन केवल संबंधित व्यक्ति की नहीं हो जाती. बल्कि, उसको सरकार के रजिस्टर में भी चढ़ाना पड़ता है.
जानकार बताते हैं कि सरकार के रजिस्टर टू में जमीन के खरीदार का नाम अंकित करना ही दाखिल खारिज कहलाता है. बगैर इसके नगर पर्षद उक्त जमीन का नक्शा पास नहीं करती है. लोगों का कहना है कि नगर पर्षद क्षेत्र अंतर्गत जमीन का जब तक दाखिल खारिज नहीं होता है, तब तक नगर पर्षद उक्त जमीन को खरीदने वाले को घर बनाने के लिए नक्शा पास नहीं करती है. ऐसे में जमीन खरीदने के बाद भी लोग परेशान हैं. उनका कहना है कि ऑनलाइन की प्रक्रिया को चालू किये बगैर ऑफ लाइन को क्यों बंद कर दिया गया. यह समझ में नहीं आ रहा.
प्रक्रिया चालू होने में विलंब
विभागीय सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन प्रक्रिया को एक्टिवेट किया जा रहा है. वहां से इसे अभी पूरी तरह से एक्टिवेट नहीं किया गया है. यही नहीं इस काम को ऑनलाइन कैसे करना है. इसका प्रशिक्षण भी अंचल के संबंधित लोगों को दिया जाना है. बताया जाता है कि अभी तक इनका प्रशिक्षण भी पूरा नहीं हुआ है. दाखिल खारिज की ऑनलाइन प्रक्रिया को जल्द ही चालू कर दिया जायेगा.
बोले अधिकारी
जमीन दाखिल खारिज के ऑनलाइन सिस्टम में जो भी समस्या है. उसे जल्द ही दूर किया जायेगा. इसे लेकर आगामी पांच व छह अप्रैल को पटना में पदाधिकारियों का प्रशिक्षण भी आयोजित है.
उत्तम कुमार, डीसीएलआर, भभुआ
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