बेंगलुरु के इंजीनियर दंपती ने आकांक्षा को लिया गोद
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दंपती ने अनाथ बच्ची को गोद लेकर पेश की मिसाल
बेंगलुरु के इंजीनियर दंपती ने आकांक्षा को लिया गोद भभुआ नगर : बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं की गूंज आज हर जगह है. खासकर बेटियों के मामले में आज भी कई लोगों की मानसिकता नहीं बदल पायी है. इतना ही नहीं कई लोग तो आज भी बच्चियों के जन्म होने के बाद उन्हें बिना किसी मानवता […]
भभुआ नगर : बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं की गूंज आज हर जगह है. खासकर बेटियों के मामले में आज भी कई लोगों की मानसिकता नहीं बदल पायी है. इतना ही नहीं कई लोग तो आज भी बच्चियों के जन्म होने के बाद उन्हें बिना किसी मानवता के अनाथ छोड़कर गायब हो जा रहे हैं. लेकिन, जिले में चल रहे विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में ऐसे बच्चे-बच्चियों का लालन पालन हो रहा है. समाज में अगर बेटियों को बोझ समझनेवाले कुछ लोग हैं तो कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इन अनाथ बच्चियों को गोद लेकर एक मिसाल पेश कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में देखने को मिला.
दत्तक ग्रहण संस्थान से बेंगलुरु के इंजीनियर दंपती ने अनाथ व बेसहारा आकांक्षा को गोद लिया. इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में वरीय कोषागार पदाधिकारी सत्यप्रकाश नारायण के साथ सहायक निदेशक बाल संरक्षण आलोक रंजन, नितेश कुमार भी मौजूद रहें. दत्तक ग्रहण संस्थान के समन्वयक शंभु शंकर पांडेय ने बताया कि बेंगलुरु के इंजीनियर दंपती बीएस प्रभाकर व अश्विनी एस ने आकांक्षा को गोद लिया है. इसमें विशेष बात यह रही कि इंजीनियर दंपत्ति द्वारा पहले भी एक अनाथ बच्ची को गोद लिया गया है और इनकी परिवरिश के लिए अश्विनी एस ने अपनी नौकरी भी छोड़ दी. विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में अभी नौ अनाथ बच्चे बच्चियों का लालन पालन हो रहा है, जिसमें दो बच्चे व सात बच्चियां हैं. इस मौके पर, डॉ अरविंद द्विवेदी, प्रेमचंद्र सिंह आदि मौजूद थे.
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