अनदेखी. पांडेयहरिया में अर्धनिर्मित नाली-गली से लोग परेशान
Advertisement
अधिकारी नहीं गये देखने, दो साल से ठेकेदार का पता नहीं
अनदेखी. पांडेयहरिया में अर्धनिर्मित नाली-गली से लोग परेशान वर्ष 2014-15 में निर्माण कार्य हुआ था शुरू मोहनिया शहर : गांव का विकास में मुख्य रूप से गली-नाली का निर्माण व शिक्षा के लिए विद्यालय होना मुख्य माना जाता है. लेकिन, प्रखंड मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित सहबाजपुर पंचायत के एक छोटा सा गांव […]
वर्ष 2014-15 में निर्माण कार्य हुआ था शुरू
मोहनिया शहर : गांव का विकास में मुख्य रूप से गली-नाली का निर्माण व शिक्षा के लिए विद्यालय होना मुख्य माना जाता है. लेकिन, प्रखंड मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित सहबाजपुर पंचायत के एक छोटा सा गांव पांडेयहरिया में दो साल से अधिक से नाली-गली का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. जबकि, उक्त गांव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम से योजना संख्या 18/2014-15 से गांव में गली-नाली का निर्माण होना था, जिसके तहत 27 सितंबर 2014 में निर्माण कार्य शुरू हुआ.
लेकिन, दो साल से अधिक समय होने के बाद भी अधूरा पड़ा है. साथ ही ठेकेदार द्वारा उक्त योजना के अंतर्गत किशुन के घर से लेकर राजेंद्र पांडेय और शंकर स्थान तक पक्की नाली निर्माण व पीसीसी ढलाई कराना था, जिसमें अब तक केवल नाली का ही निर्माण हुआ. इसमें भी नाली पर स्लैब न रख कर केवल पाटिया रख दिया गया, जो नाली में गिर गया है, जिससे लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है. गौरतलब है कि उक्त योजना में कुल चार लाख 92 हजार 700 राशि से निर्माण होना था, जिसका संवेदक ध्रुव कुमार पांडेय थे. लेकिन, किन कारणों से अब तक अधूरा पड़ा है, ग्रामीणों को बतानेवाला कोई नहीं है. लोग अब भी नाली व सड़क निर्माण पूरा नहीं होने से परेशान हैं.
बोले ग्रामीण
ग्रामीण महेंद्र पांडेय ने बताया कि दो साल पहले का ही काम है. लेकिन, आधा अधूरा पड़ा हुआ है. नाली पर ढक्कन रखना था, लेकिन पटिया रख दिया गया, जिससे आने-जाने में कई लोग नाली में गिर कर घायल हो गये हैं. संतविलास पांडेय ने बताया कि यह पंचायत की योजना थी, जिसमें नाली-गली का निर्माण होना था. लेकिन, केवल नाली बना कर गली को बीच में ही छोड़ दिया गया है. गली नहीं बनने से आने-जाने में परेशानी होती है. पूरे पैसे की बंदरबाट हो गयी. कहा कि यह काम पहले के मुखिया फारुखी सिद्धकी के समय का है. यदि यह नाली भी नहीं बनाती, तो अच्छा था. कम से कम बराबर रास्ते से हमलोग आते-जाते रहते थे. लेकिन, इस समय नाली बना कर और ढक्कन नहीं लगाना गली में आने-जाने के लिए खतरा बना हुआ है.
बोले मुखिया
इस संबंध में मुखिया मीर सकीर ने बताया कि यह योजना पहले की है. इसके बारे में हम कुछ नहीं बता सकते हैं. फिर भी इस योजना के बारे में जानकारी ली जायेगी कि कितने रुपये से कितना काम कराना था, जिसके बाद पूरा कराया जायेगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement