परेशानी. पैसे खर्च कर निजी अस्पतालों में मरीज करा रहे इलाज
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जांच किट उपलब्ध, पर नहीं है डेंगू के इलाज की व्यवस्था
परेशानी. पैसे खर्च कर निजी अस्पतालों में मरीज करा रहे इलाज अनुमंडलीय अस्पताल से वाराणसी भेज दिये जाते हैं मरीज अब तक एक भी जांच किट का नहीं किया गया उपयोग मोहनिया शहर : अनुमंडलीय अस्पताल में डेंगू के मरीज के लिए इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है. भले ही अस्पताल में डेंगू के जांच […]
अनुमंडलीय अस्पताल से वाराणसी भेज दिये जाते हैं मरीज
अब तक एक भी जांच किट का नहीं किया गया उपयोग
मोहनिया शहर : अनुमंडलीय अस्पताल में डेंगू के मरीज के लिए इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है. भले ही अस्पताल में डेंगू के जांच कीट उपलब्ध है. लेकिन, अब तक एक भी मरीज की जांच कीट से नहीं किया गया है, जिससे कीट अस्पताल की शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. गौरतलब है कि इन दिनों बरसात का मौसम है और डेंगू से ग्रसित मरीज भी मिल रहे हैं. जानकारी के अनुसार, एक मरीज डेंगू से ग्रसित पाया गया है, जिसकी जांच निजी अस्पताल में करने के बाद इलाज भी उसी अस्पताल में किया जा रहा है. जबकि, अनुमंडल के सभी पांच प्रखंड से बुखार से ग्रसित मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं
लेकिन, मरीजों को अस्पताल में इलाज की व्यवस्था नहीं होने के कारण हमेशा रेफर कर जाता है. इसके कारण अस्पताल में पड़े 20 डेंगू जांच कीट का अब तक उपयोग नहीं किया जा सका है. सूत्रों की मानें, तो इस अस्पताल में डेंगू के इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है. चिकित्सक डेंगू की आशंका को लेकर जो इलाज लिखते हैं, वह बाहर से करानी पड़ती है. अस्पताल की स्थिति यह है कि ज्योंही किसी रोगी में डेंगू के लक्षण पाये जाते हैं, डॉक्टर उन्हें वाराणसी रेफर कर देते हैं. सरकारी अस्पताल में जहां पर मरीजों की संख्या न के बराबर बतायी जा रही है, वहीं शहर के निजी अस्पताल में डेंगू के मरीज भर्ती होकर इलाज करवा रहे हैं.
क्या हैं डेंगू के मुख्य लक्षण : इस संबंध में अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि डेंगू का मुख्य लक्षण है कि रोगी को अधिक ठंड लगती है. साथ ही सिर, कमर और आंखों में दर्द होने लगता है. इसके साथ ही उसे तेज बुखार भी रहता है. इसके अलावे जोड़ों में दर्द, बेचैनी, उल्टियां, लो ब्लड प्रेशर जैसी अन्य समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसी मरीज में उक्त लक्षण मिले तो वह तुरंत डेंगू की जांच कराये.
कैसे करें डेंगू से बचाव : डेंगू से बचाव के लिए लोगों को जागरूक होना पड़ेगा. लोगों को मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए. आसपास में जमे पानी में केरोसिन तेल का छिड़काव करना चाहिए. इस संबंध में उपाधीक्षक ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए अभी तक कोई टीका नहीं है. इसलिए इसके बचाव के लिए हमारी सजगता जरूरी है.
डेंगू का वायरस मच्छरों द्वारा संक्रमित होता है. इसलिए जरूरी है कि मच्छरों को घर में बिल्कुल न होने दें. साफ-सफाई बहुत जरूरी है. कहीं भी पानी जमा नहीं होने दें और प्रयोग करने वाले पानी को हमेशा ढक कर ही रखें.
बनाया गया है विशेष वार्ड : अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू के मरीजों की जांच के लिए यहां कीट उपलब्ध है.
मरीजों के लिए अस्पताल में विशेष वार्ड भी बना दिया गया है. मरीजों की पहचान होने पर उन्हें विशेष वार्ड में भर्ती किया जाता है. अस्पताल में 20 कीट उपलब्ध है, जिसे जांच की आवश्यकता हो, वह अस्पताल आकर जांच करा सकते हैं.
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