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गाजीपुर स्कूल में प्रधानाध्यापक पर ही चाकू से कर दिया हमला

मनमानी. विद्यालय परिसर में पशु बांधने को लेकर हुई हिंसक वारदात चैनपुर : उत्क्रमित मध्य विद्यालय, गाजीपुर के प्रधानाचार्य दीवान मुजतबा खान पर विद्यालय में गांव के ही कुछ बदमाशों द्वारा चाकू से जानलेवा हमला किया गया. घायलवस्था में उन्हें विद्यालय के अन्य शिक्षकों द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां उनका इलाज किया गया. […]

मनमानी. विद्यालय परिसर में पशु बांधने को लेकर हुई हिंसक वारदात
चैनपुर : उत्क्रमित मध्य विद्यालय, गाजीपुर के प्रधानाचार्य दीवान मुजतबा खान पर विद्यालय में गांव के ही कुछ बदमाशों द्वारा चाकू से जानलेवा हमला किया गया. घायलवस्था में उन्हें विद्यालय के अन्य शिक्षकों द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां उनका इलाज किया गया. प्रधानाध्यापक द्वारा स्थानीय थाने में चार नामजद सहित अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
पता चला है कि विद्यालय परिसर में पशु बांधने को लेकर गांव के कुछ लोगों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया है. इस चाकूबाजी के बाद उन लोगों द्वारा सभी शिक्षकों को जान से मारने की भी धमकी दी गयी है.
चालू के हमले से घायल प्रधानाध्यापक दीवान मुजतबा खान ने बताया कि गांव के लोगों द्वारा विद्यालय परिसर में ही गाय, भैंस, बकरी आदि बांधी जाती हैं, जिससे विद्यालय में पठन-पाठन सहित बच्चों के अन्य गतिविधियां प्रभावित होती थीं. बार-बार मना करने के बाद भी गांव के लोग नहीं माने. विद्यालय परिसर में बांधे जानेवाले पशुओं से विद्यालय में पढ़नेवाले बच्चों को हमेशा खतरा बना रहा था. इसको देखते हुए ग्रामीणों को कई बार समझने की कोशिश की गयी.
लेकिन, कोई नतीजा नहीं निकला. गुरुवार को विद्यालय खुला, तो रोज की तरह ही विद्यालय में पशु घुम रहे थे. इसके बावजूद प्रधानाध्यापक चेतना सत्र के बाद सभी वर्ग कक्षों में शिक्षकों को भेज प्रधानाध्यापक अपने कार्यालय में कार्य पर लग गये. उसी दौरान गांव के ही पिंटू बिंद, मुखिया बिंद, रामलखन बिंद, लक्ष्मण बिंद, कवि बिंद आदि आये और प्रधानाध्यापक से बहस करने लगे. ये बहस धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि सभी वर्ग कक्ष से शिक्षक कार्यालय में आ गये. बहस के दौरान ही पिंटू ने अपने कमर में छुपाये चाकू को निकाला और प्रधानाध्यापक पर हमला कर दिया. अपने ऊपर अचानक हुए इस हमले से बचाव के लिए प्रधानाध्यापक ने हाथ से चाकू का वार रोकने का प्रयास किया, जिससे उनके बायें हाथ की उंगलियां जख्मी हो गयीं.
प्रधानाध्यापक पर हुए हमले को देख सभी शिक्षक एक हो. इसका विरोध किया, जिसके फलस्वरूप सभी हमलावर भागने से पहले सभी शिक्षकों को नहीं छोड़ने की धमकी देते गये. इस हमला के बाद गुरुवार को विद्यालय में बच्चों को अलबेंडाजोल की गोली को नहीं खिलायी जा सकी.
शिक्षकों ने ग्रामीणों द्वारा दी गयी धमकी के बाद बीइओ को आवेदन देते हुए कहा है कि वह अब विद्यालय नहीं जा सकते. शिक्षकों के इस निर्णय के बाद बच्चों के भविष्य पर अब ग्रहण लगता दिखायी दे रहा है.

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