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साहेब के इंतजार में निठल्ली बैठी है नगर की सरकार

कुव्यवस्था. एक माह पहले आज ही के दिन पार्षदों ने थामी थी कमान नगर पर्षद इओ के फेर में जलनिकासी, प्रकाश सहित कई योजनाएं पड़ी हैं ठप भभुआ सदर : नगर पर्षद की सरकार को शहर के लिए कुछ कर गुजरने की शपथ लिए आज एक महीना होने को आ रहा है. नौ जून को […]

कुव्यवस्था. एक माह पहले आज ही के दिन पार्षदों ने थामी थी कमान

नगर पर्षद इओ के फेर में जलनिकासी, प्रकाश सहित कई योजनाएं पड़ी हैं ठप
भभुआ सदर : नगर पर्षद की सरकार को शहर के लिए कुछ कर गुजरने की शपथ लिए आज एक महीना होने को आ रहा है. नौ जून को नगर पर्षद अध्यक्ष व पार्षदों ने नगर की कमान संभाली थी. लेकिन, नगर पर्षद के साहब के इंतजार में अब भी नगर की नयी सरकार हाथ पर हाथ धरे निठल्ली बैठी हुई है. उनके पास करने को कुछ भी नहीं है.
क्योंकि, सरकारी योजनाओं को लागू कराने या फिर शहर में सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जनप्रतिनिधियों को भी संवैधानिक व्यवस्था के तहत सरकारी साहबों पर निर्भर रहना पड़ता है. लेकिन, भभुआ नगर पर्षद के पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी दीनानाथ सिंह शहर के विकास में रुचि नहीं लेते हुए अपनी मनमानी पर उतरे रहे.
उनका तबादला हुआ तो नये साहेब के आने के इंतजार में शहर में जरूरी व्यवस्था को लागू करने में देरी हो रही है. हालांकि, नये कार्यपालक पदाधिकारी (इओ) अनुभूति श्रीवास्तव ने ज्वाइन भले ही कर लिया हो. लेकिन, अब तक उन्होंने नगर पर्षद भभुआ का कार्यभार नहीं संभाला है, जिससे सभी व्यवस्था ठप पड़ी हुई है और नप अध्यक्ष सहित समिति के सदस्य निठल्ले बैठे हुए हैं.
जलनिकासी की समस्या से निबटना बना चुनौती : भभुआ शहर में फिलहाल जलनिकासी की समस्या गंभीर बनी हुई है, बरसात शुरू हो चुकी है और इसके साथ ही मुख्य सड़क सहित कई वार्डों व मुहल्लों में जलजमाव ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है. शहर में नाले व नालियों का निर्माण तो पूर्व नगर पर्षद की सरकार द्वारा खूब कराया गया.
लेकिन, शहर से इन नालों के रास्ते निकलने वाली पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गयी. इसके चलते शहर से निकले गंदे पानी शहर के विद्युत कार्यालय को डूबोती है या फिर अखलासपुर बस स्टैंड के समीप नाले का पानी झील का रूप ले चुकी है. नगर पर्षद अध्यक्ष जैनेंद्र कुमार आर्य का कहना था कि शहर में जलनिकासी की समस्या का निदान करना प्रमुख लक्ष्य था. इसके लिए पटेल चौक से उत्तर दिशा होते हुए सुवरन नदी तक और कैमूर स्तंभ से अखलासपुर नहर तक नाला निर्माण कराने की कार्य योजना बना कर तैयार है. लेकिन, कार्यपालक पदाधिकारी के कार्यभार संभालने के इंतजार में यह योजना रुकी पड़ी है.
सभी मुहल्ले अंधेरे में
नगर निकाय चुनाव और उसके बाद नगर पर्षद इओ के चक्कर में शहर की कई मुहल्ले व गलियां अंधेरे में पड़ी हुई है. गौरतलब है कि पूर्व के नगर की सरकार द्वारा शहर के सभी 25 वार्डों के गली मुहल्लों में स्ट्रीट लाइट की जर्जर स्थिति पर कई बैठकों में इन्हें बदले जाने की योजना बनी. लेकिन, पार्षदों व निवर्तमान नगर पर्षद इओ के आपसी खींचतान के चलते गली मुहल्लों में स्ट्रीट लाइटों को तो न ही बदला जा सका और न ही उनकी मरम्मत ही करायी जा सकी.
स्थिति आज यह हो गयी है कि मुख्य सड़क व कुछ मुहल्लों को छोड़ दे तो अधिकतर मुहल्लों में शाम होते ही अंधकार पसरा हुआ है. नगर पर्षद अध्यक्ष जॉनी का कहना था कि प्रकाश व्यवस्था सहित सभी योजनाएं तैयार करके रखी हुई है. अब अधिकारी ही नहीं है तो इसे कैसे मूर्त रूप दिया जाये.

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