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छह बेड के ट्रॉमा सेंटर में लटका रहता है ताला!

अस्पताल में केवल दिखावे के लिए बना है महिलाओं के लिए शौचालय मोहनिया शहर : हाल के दिनों में मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल की व्यवस्था काफी लचर स्थिति देखने को मिल रही है. दवा व जांच उपकरणों की कमी तो यहां लगभग सब दिन एक समान स्थिति बनी रहती है. अस्पताल में छह बेड का ट्राॅमा […]

अस्पताल में केवल दिखावे के लिए बना है महिलाओं के लिए शौचालय
मोहनिया शहर : हाल के दिनों में मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल की व्यवस्था काफी लचर स्थिति देखने को मिल रही है. दवा व जांच उपकरणों की कमी तो यहां लगभग सब दिन एक समान स्थिति बनी रहती है. अस्पताल में छह बेड का ट्राॅमा सेंटर में ताला बंद रहता है. यहां दवा काउंटर पर शेड नहीं हैं. लोग धूप में खड़ा होकर दवा लेने को विवश हैं. कुव्यवस्था का आलम यह है कि एक भी चापाकल अस्पताल परिसर में नहीं लगा हैं. टंकी की गरम पानी पीने को लोग विवश हैं.
अस्पताल में कहीं भी भोजन का मीनू नहीं लगाया गया है. अस्पताल परिसर में नीचे व ऊपर महिला शौचालय बना है. लेकिन, वह हमेशा बंद रहता है. महिलाएं मजबूरी में पुरुष के शौचालय में जाने को विवश हैं. अस्पताल की व्यवस्था भगवान भरोसे है. ओपीडी में डॉक्टर समय से आते नहीं है और समय से पहले चले जाते हैं. शुक्रवार को तीन बजे ओपीडी का कक्ष खाली पड़ा था. मरीज बाहर बैठ थे. डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहे थे.
मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल में जिलाधिकारी की पहल पर छह बेड का एक ट्राॅमा सेंटर बनाया गया है. इसका उद्देश्य था कि घायल मरीजों का इलाज सुविधाजनक तरीके से हो सके. लेकिन, उद्घाटन के कुछ ही दिनों तक ट्राॅमा सेंटर में घायलों का इलाज हुआ. ट्राॅमा सेंटर में ताला बंद है. सभी घायलों का इमरजेंसी वार्ड में इलाज कर रेफर कर दिया जाता है. किसी भी गंभीर घायल का इलाज ट्राॅमा सेंटर में नहीं हुआ. ऑपरेशन थियेटर से लेकर ट्राॅमा सेंटर वार्ड में ताला बंद है.

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