धोखाधड़ी. एटीएम कार्ड की हेराफेरी कर हवलदार के खाते से निकासी
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70 हजार रुपये उड़ाये
धोखाधड़ी. एटीएम कार्ड की हेराफेरी कर हवलदार के खाते से निकासी पुलिसकर्मी की पोती गयी थी छह हजार रुपये निकालने गार्ड की लापरवाही से मिलता है मौका जहानाबाद : जालसाजों ने धोखाधड़ी कर जहानाबाद पुलिस लाइन में पदस्थापित एक हवलदार के खाते से 70 हजार रुपये की निकासी कर ली. इस संबंध में मसौढ़ी अनुमंडल […]
पुलिसकर्मी की पोती गयी थी छह हजार रुपये निकालने
गार्ड की लापरवाही से मिलता है मौका
जहानाबाद : जालसाजों ने धोखाधड़ी कर जहानाबाद पुलिस लाइन में पदस्थापित एक हवलदार के खाते से 70 हजार रुपये की निकासी कर ली. इस संबंध में मसौढ़ी अनुमंडल के भगवानगंज थाना अंतर्गत नदौना गांव के निवासी हवलदार देवेंद्र शर्मा ने शुक्रवार को नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. एफआइआर में हवलदार ने उल्लेख किया है कि कुछ दिनों पूर्व उनकी पोती पल्लवी कुमारी उनका एटीएम कार्ड लेकर छह हजार रुपये की निकासी करने गयी थी.
उसी दौरान जालसाज गिरोह ने निकासी में मदद करने के नाम पर धोखे से एटीएम कार्ड बदल दिया और पासवर्ड भी जान लिया. उस वक्त अपराधियों ने लड़की को दूसरा एटीएम कार्ड दे दिया था, जिस पर सोर्स कुमार नाम लिखा है. उनके मोबाइल फोन पर एसबीआइ से 70 हजार रुपये की निकासी कर लिये जाने का मैसेज आया. पासबुक अप टू डेट कराया तब रुपये निकाले जाने की जानकारी मिली. इस संबंध में प्राथमिकी कर नगर थाने की पुलिस तहकीकात कर रही है.
इससे पहले भी शहर में ऐसी घटनाएं कई बार हो चुकी है. खासकर काको मोड़ बस पड़ाव के समीप संचालित एसबीआइ के एटीएम के पास जालसाजों का गिरोह सक्रिय रहता है और टारगेट पर लिये गये व्यक्ति को अपना शिकार बनाता है. ग्राहक के रूप में एटीएम केंद्र में जाता है और रुपये निकालने का महज ड्रामा कर सीधे-साधे लोगों के साथ धोखाधड़ी कर उनके एटीएम कार्ड बदलने में सफल हो जाता है.
लापरवाह साबित हो रहे हैं गार्ड
शहर में जालसाज गिरोह की सक्रियता में इजाफा होने के लिए एटीएम में तैनात रहने वाले गार्ड कम दोषी नहीं हैं. गार्ड के द्वारा लापरवाही बरते जाने के कारण इस तरह की घटनाएं बढ़ रही है. या तो गार्ड एटीएम कक्ष में रहते ही नहीं या एक साथ तीन-चार लोगों को एटीएम केंद्र में प्रवेश करने की अनुमति दे देते हैं.
ऐसा करने से एटीएम धारकों की निजी जानकारी में सेंध लग जाती है. इसका लाभ जालसाज गिरोह उठाते हैं. यहां उल्लेखनीय है कि यदि किसी व्यक्ति को एटीएम से रुपये निकासी करने के दौरान प्रक्रिया अपनाने में यदि कठिनाई होती है तो उस वक्त गार्ड की मदद ली जा सकती है लेकिन उस दौरान उसके नहीं रहने से इसका फायदा जालसाज गिरोह को मिलता है. मजबूरी में जरूरतमंदों को दूसरे से प्रक्रिया अपनाने में मदद लेनी पड़ती है. उस दौरान जालसाज पिन कोड जान और एटीएम कार्ड बदल कर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.
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