आयोजन: जहानाबाद की बेटी ने पांच हजार सुंदरियों को कंटेस्ट में पछाड़ा
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पल्लवी बनीं मिसेज इंडिया इस्ट
आयोजन: जहानाबाद की बेटी ने पांच हजार सुंदरियों को कंटेस्ट में पछाड़ा हरियाणा के गुरुग्राम में हुई थी प्रतियोगिता पति से मिली प्रेरणा के बाद कंटेस्ट में हिस्सा लिया जहानाबाद : शहरी क्षेत्र का हिस्सा धनगांवा की रहने वाली पल्लवी शर्मा ने मिसेज साउथ एशिया में देश भर की पांच हजार प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए […]
हरियाणा के गुरुग्राम में हुई थी प्रतियोगिता
पति से मिली प्रेरणा के बाद कंटेस्ट में हिस्सा लिया
जहानाबाद : शहरी क्षेत्र का हिस्सा धनगांवा की रहने वाली पल्लवी शर्मा ने मिसेज साउथ एशिया में देश भर की पांच हजार प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए फाइनल राउंड में अपना स्थान पक्का कर लिया.
हरियाणा के गुरुग्राम स्थित किंगडम ऑफ ड्रीम ऑडिटोरियम में आयोजित ग्रैंड फिनाले में 22-25 अप्रैल को आयोजित कंटेस्ट के फाइनल राउंड में पल्लवी ने पांचवां स्थान हासिल किया. पल्लवी शर्मा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि ये मेरे जीवन की पहली प्रतियोगिता है. इसके बावजूद टॉप 30 में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुई,
जो मेरे साथ-साथ मेरे गांव और परिवार के लिए भी गर्व की बात है. उन्होंने बताया कि पिता आर्मी में सिपाही थे. डिफेंस में पापा के होने के वजह से केंद्रीय विद्यालय में दाखिला हुआ. 12वीं में अपने स्कूल की टॉपर रही. साथ ही अपने जीवन साथी को भी चुन लिया. ,संतोष शर्मा जो भागलपुर के रहने वाले हैं, उनसे लव मैरेज की. पल्ल्वी का कहना है कि विश्वास नहीं हो रहा था मैं इस खिताब को जीत पाउंंगी. पति भी आर्मी में अधिकारी हैं. एक बेटे की मां बनी, अपना घर संभालती रही,
न कभी कोई क्लास किया न ही कोई कोरियोग्राफर रखा. मन बनाया और हौसले के साथ पति से मिली प्रेरणा के बाद कंटेस्ट में हिस्सा लिया. इसके बाद कई राउंउ का दौर चलता रहा. फाइनल राउंड में स्थान पक्का कर पांचवां स्थान हासिल की. मिसेज साउथ एशिया में खिताब का दावेदार बनी और मिसेज ईस्ट इंडिया से नवाजी गयी. 24 अप्रैल को आयोजित साक्षात्कार एवं फोटो शूट राउंड में भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए कई सुंदरियों को पीछे छोड़ दिया. निबंध प्रतियोगिता में भी घरेलू अत्याचार एवं प्यार अंधा होता है, जैसे विषय ,में भी बेहतर की.
पति को दिया सफलता का पूरा श्रेय
सफलता का श्रेय अपने लेफ्टिनेंट पति संतोष कुमार को देते हुए पल्लवी ने खुशियों का इजहार किया. कहा मुझे बचपन से ही पेंटिंग एवं पठन-पाठन का शौक रहा है. इस सफलता के लिए मैंने तो कल्पना भी नहीं की थी. लेकिन जिलेवासियों एवं अपने माता-पिता के आशीर्वाद से मुझे मिसेज इंडिया ईस्ट बनने का गौरव प्राप्त हुआ है. चंडीगढ़ में रह रही पल्लवी तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी है. वह 30 मई 2015 को अपने गांव धनगांवा आयी थी. दादा चंदेश्वर सिंह सेना में थे.
उन्होंने बताया कि हमारी पोती ने हमारे गांव ही नहीं बिहार का मान बढ़ाया है. पिता कौशल किशोर सिंह ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि प्रतिभा की खजाना है पल्लवी. मेहनत की बदौलत सफलता पायी है. शादी के बाद स्नातक करने वाली पल्लवी ने कहा कि मेरे पति सेना में लेफ्टिनेंट पद के लिए चयनित हुए. पल्लवी को अफसोस है कि महज दो नंबर से इंटरनेशनल कंटेस्ट में पहुंचने से वंचित रह गयी फिर भी आगे प्रयास करती रहूंगी.
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