जहानाबाद : मरीज की मौत के बाद परिजनों ने शहर के शांति सजिर्कल नामक नर्सिग होम में रविवार को जम कर तोड़फोड़ व हंगामा किया. उन्होंने ऑपरेशन थियेटर, चैंबर और नर्सिग होम में रखे फर्नीचर को तोड़ डाला.
परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन में घोर लापरवाही बरती गयी. प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से परिजनों को समझा-बुझा कर शांत कराया. पुलिस ने इस मामले में सिविल सजर्न को आवेदन देकर नर्सिग होम की पूरी जांच कर जल्द रिपोर्ट देने को
कहा है.
बताया जाता है कि काको प्रखंड के धामापुर गांव निवासी परवेज अपने 60 वर्षीय पिता तवारक हुसैन के हरनिया का ऑपरेशन के लिए डॉ राकेश कुमार से दो-चार दिन पहले सलाह-मशविरा की थी. उसने रविवार की दोपहर तवारक को डॉ राकेश कुमार के शांति सजिर्कल में भरती कराया. दोपहर 1:15 बजे ऑपरेशन शुरू हुआ. 1:54 मिनट पर उन्हें बेहोशी की हालत में ही ऑपरेशन थियेटर से लाकर वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. करीब दो घंटे तक बेहोशी की हालत में ही उन्हें हिचकी आने लगी. फिर नाक और मुंह से खून की उल्टी होने लगी.
परिजनों ने कंपाउंडर को हालत की जानकारी दी. परिजनों का आरोप है कि कंपाउंडर ने ऑक्सीजन के खाली सिलिंडर को मरीज के नाक में लगाया. मगर ऑक्सीजन नहीं रहने के कारण दम घुटने लगा, तो सिलिंडर को निकाला गया. कंपाउंडर ने मरीज की बिगड़ी हालत की सूचना डॉक्टर को दी.
डॉक्टर ने नब्ज टटोलते ही उसे मृत घोषित कर दिया. इससे आक्रोशित परिजन हंगामा करने लगे. इसकी सूचना पाकर पहुंचे डीएसपी बच्च सिंह, एसडीओ, सीओ व नगर थानाध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह ने परिजनों को समझा-बुझा कर हालात की जानकारी ली.
डीएसपी बच्चा सिंह ने कहा कि नर्सिग होम की जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी. नर्सिग होम वैध या अवैध, पुलिस इसकी भी जांच करायेगी. जब डॉक्टर का जब पक्ष जानने की कोशिश की गयी, तो नर्सिग होम में मौजूद कुछ कर्मियों ने कहा कि डॉक्टर साहब नहीं है. वह नर्सिग होम से बाहर गये हैं.