परेशानी. अपने बलबूते कर रहे खेतों की सिंचाई, प्रशासन नहीं दे रहा कोई ध्यान
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308 में मात्र 98 नलकूप उगल रहे पानी
परेशानी. अपने बलबूते कर रहे खेतों की सिंचाई, प्रशासन नहीं दे रहा कोई ध्यान जहानाबाद सदर : जिले के किसान भगवान भरोसे एवं खुद के बल पर ही खेती कर रहे हैं. सिंचाई के साधन के नाम पर किसानों को सरकार द्वारा कुछ भी मदद नहीं मिल पा रही है. जिले के किसान खरीफ फसल […]
जहानाबाद सदर : जिले के किसान भगवान भरोसे एवं खुद के बल पर ही खेती कर रहे हैं. सिंचाई के साधन के नाम पर किसानों को सरकार द्वारा कुछ भी मदद नहीं मिल पा रही है. जिले के किसान खरीफ फसल बारिश के बल पर ही खेती करते हैं तो रबी फसल खुद अपने बल पर उपजा रहे हैं. खेती करने के लिए प्राय: सभी किसान अपने-अपने खेतों में निजी बोरिंग करा लिये हैं. डीजल पंप सेट के सहारे वे अपने खेतों का पटवन कर खेती कर रहे हैं. जिले में जो भी नदी एवं नहर है उनमें बरसात में ही पानी आता है.
जिससे किसान बरसात में अपने खेतों का पटवन कर लेते हैं. रबी फसल के लिए उन्हें खुद पर ही निर्भर होना पड़ता है. यूं तो जिले में राजकीय नलकूप की संख्या 171 है जिसमें महज 27 ही चालू है. वहीं नवार्ड फेज थ्री में एक नलकूप है जो बंद है. नवार्ड फेज आठ में 37 नलकूप है. जिसमें 14 चालू है. वहीं नवार्ड फेज ग्यारह में 99 नलकूप हैं जिसमें 57 नलकूप चालू हैं. इस तरह से जिले में 308 नलकूप हैं, जिसमें महज 98 ही चालू हैं. 10 नलकूप यांत्रिक दोष, 25 नलकूप विद्युत दोष,
45 नलकूप संयुक्त दोष के कारण बंद हैं. जबकि 36 नलकूप को लोग ईंट पत्थर डाल कर भर दिये हैं. 26 नलकूप चालू भी नहीं हो सके. 07 नलकूप में मोटर गिरा हुआ है तथा 03 नलकूप वाटर लेयर कम रहने के कारण बंद पड़ा है. सरकार के निर्देश एवं जिलाधिकारी के फरमान के बावजूद भी बंद पड़े नलकूपों को अब तक चालू नहीं किया जा सका है. जिलाधिकारी द्वारा बैठकों में बंद पड़े नलकूप को चालू कराने का फरमान जारी किया जाता है,
लेकिन बैठक समाप्त होते ही नलकूप चालू कराने के पहल पर विचार तक नहीं किया जाता है. ऐसी स्थिति में यहां के किसान खुद कराये गये बोरिंग के सहारे ही खेतों का पटवन कराने को विवश हैं.
बरसात में करते है ंखेतों का पटवन रबी फसल के लिए खुद पर रहते हैं निर्भर
क्या कहते हैं पदाधिकारी
जो चालू नलकूप हैं उससे किसानों के खेतों का पटवन हो रहा है. मैंने बंद पड़े 132 नलकूप का स्टीमेंट बनाकर विभाग को भेजा है. जैसे ही विभाग से प्रशासनिक स्वीकृति मिल जायेगी. बंद पड़े नलकूप को चालू करायेंगे.
सर्वेश कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता, नलकूप विभाग
क्या कहते हैं किसान
मेरे गांव में 80 के दशक में नलकूप था. 92 में बंद हो गया. उसके बाद से आज तक चालू नहीं हो सका. उसके लिए हमलोग प्रयास करते करते थक गये हैं. फिर भी चालू नहीं हो सका.
जय शर्मा
मेरे गांव में नलकूप थी तो खेतों में पटवन हुआ करता था. लेकिन आज से बीस वर्ष पहले नलकूप खराब हो गया था जिसे चालू नहीं कराया गया.
अम्बिका शर्मा
खराब नलकूप को लेकर हमलोग कई बार जिलाधिकारी के पास भी आवेदन दिया लेकिन आज तक चालू नहीं कराया जा सका. हमलोग अब निराश हो गये हैं.
प्रमोद कुमार
नलकूप सही रहता तो हमलोगों को खेतों में पटवन करने में आसानी रहती. हमलोग इतने सक्षम नहीं हैं कि हर खेत में बोरिंग करायें. अगर नलकूप चालू रहता तो मेरा खेत परती नहीं रहता.
राम वचन शर्मा
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