परेशानी . तापमान गिरने से अचानक बढ़ी ठंड, सामान्य जनजीवन हुआ प्रभावित
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कोराइजा व कोल्ड फीवर के रोगियों की बढ़ी भीड़
परेशानी . तापमान गिरने से अचानक बढ़ी ठंड, सामान्य जनजीवन हुआ प्रभावित सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या में हुआ इजाफा जहानाबाद : सोमवार की अहले सुबह से ही मौसम ने अचानक करवट बदली, और बढ़ गया ठंड का प्रकोप. जिले के शहरी और ग्रामीण इलाके में तापमान गिरने और ठंडी हवाएं चलने से सामान्य […]
सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या में हुआ इजाफा
जहानाबाद : सोमवार की अहले सुबह से ही मौसम ने अचानक करवट बदली, और बढ़ गया ठंड का प्रकोप. जिले के शहरी और ग्रामीण इलाके में तापमान गिरने और ठंडी हवाएं चलने से सामान्य जनजीवन पर काफी असर पड़ने लगा है. बच्चे, युवक, बूढ़े, महिलाएं और पुरुष ठंड की चपेट में आने से बीमार पड़ने लगे हैं. विगत तीन दिनों पूर्व की अपेक्षा सोमवार को ओपीडी में मरीजों की संख्या 20 फीसदी अधिक थी. निमोनिया, हफनी, पेट, सीना और सिरदर्द के साथ-साथ कै-दस्त की बीमारी से ग्रसित मरीज या उनके परिजन ओपीडी में निबंधन कराने के लिए कतारबद्ध थे.
वहां पुरजा कटवाने के बाद ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों ने मरीजों की जांच की और दवा का नियमित ढंग से सेवन करने का सुझाव दिया. साथ ही मरीजों को ठंड से बचने के लिए कई महत्वपूर्ण टिप्स दिये गये. तीन दिनों पूर्व इस मौसम का पहला घनघोर कुहासा छाया था लेकिन पुन: स्थिति सामान्य हो गयी थी. तीन दिन बाद सोमवार को सुबह से ही सर्द हवाओं का प्रवाह होने और बादल घीरे रहने से लोग ठंड से परेशान रहें. पहली बार कनकनी का जोरदार एहसास किया.
दोपहर 12 बजे तक सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए. इसके बाद हल्की धूप निकली लोगों ने थोड़ी राहत जरूर महसूस की, परंतु सर्द हवा चलने से दिन भर ठंड से जूझते हुए लोगों ने अपने कामकाज का निबटारा किया. खासकर साइकिल और बाइक सवार लोगों को ज्यादा कठिनाई झेलनी पड़ी. शहर के विभिन्न नुक्कड़ों पर जुटनेवाले दैनिक मजदूरों की संख्या में कमी देखी गयी. सामान्य तौर पर हाफ स्वेटर, जैकेट पहनकर घर से निकलनेवाले लोग सोमवार को ऐसे रहना मुनासिब नहीं समझा. गर्म इनर, फुल स्वेटर या फुल जैकेट के साथ-साथ टोपी और मफलर लपेटे रहना ही उचित समझा.
ओपीडी में 600 से अधिक मरीजों का हुआ इलाज : वैसे तो सदर अस्पताल के ओपीडी में अक्सर 450 मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं लेकिन सोमवार को नजारा बदला-सा था. सामान्य रोगों से ग्रसित मरीजों के अलावा ठंड से बीमार पड़े मरीज इलाज कराने के लिए वहां आये थे. 617 मरीजों का निबंधन कराया गया था. इसमें 100 से अधिक मरीज ऐसे थे, जो अचानक बढ़ी ठंड से प्रभावित होकर अपना इलाज कराने आये थे. इसमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग मरीजों की संख्या थी.
शनिवार को ओपीडी में 447 मरीजों का इलाज हुआ था. रविवार को ओपीडी बंद था. सोमवार को अपराह्न पौने दो बजे तक ओपीडी में 617 मरीजों का निबंधन हो चुका था. इस तरह शनिवार की अपेक्षा सोमवार को 170 अधिक मरीज अपना इलाज कराने अस्पताल में आये थे. कई मरीज ऐसे थे. जिनके सीने, पेट, और सिर में दर्द की शिकायत थी. कई मरीज बुखार से पीड़ित थे. हफनी और दमा के मरीजों के अलावा निमोनिया से ग्रसित रोगी इलाज कराने पहुंचे थे.
एसएनसीयू में आठ नवजात बच्चों को हो रहा इलाज : सदर अस्पताल के नवजात शिशु सघन चिकित्सा केंद्र (एसएनसीयू) में 28 दिनों तक के नवजात बच्चे का इलाज किया जाता है. इस केंद्र का तापमान 28 डिग्री से 32 डिग्री तक रखा जाता है. जहां 12 बेड की व्यवस्था है. इस केंद्र में अभी आठ बच्चों को इलाज के लिए भरती किया गया है. इस केंद्र के चिकित्सक डाॅ चंद्रशेखर बताते हैं कि ठंड के इस मौसम में बच्चों के साथ-साथ लगभग सभी उम्र के लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. वरना वे इसकी चपेट में आकर बीमार पड़ सकते हैं.
ठंड से इन बीमारियों का रहता है खतरा : छोटे बच्चों में ज्यादातर निमोनिया होने का खतरा बना रहता है. यह बीमारी नवजात से लेकर 10 वर्ष उम्र तक के बच्चों को प्रभावित करता है. इसके अलावा दमा व ब्लडप्रेशर के मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है. उनमें हफनी की शिकायत हो जाती है. ऐसी हालत में रोग से पीड़ित मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचना चाहिए और उनके द्वारा बतायी गयी दवा का नियमित ढंग से सेवन करना चाहिए.
सोमवार को ओपीडी में 617 मरीजों ने इलाज के लिए कराया निबंधन
क्या हैं बीमारी के लक्षण
सर्दी, खांसी, बुखार होना,
कोल्ड फीवर से परेशानी बढ़ना
छाती, सिर व पेट में दर्द होना
कई बार कै-दस्त होना
दमा के मरीजों में हफनी बढ़ना
ठंड से बचाव के उपाय-
पानी उबाल कर पीये
सूती व ऊनी वस्त्र पहनें
अलाव का उपयोग करें
घर से निकलने के पूर्व बदन को गरम कपड़ों से ढंक लें
धूप में भी बच्चों को गरम कपड़ों में लपेट कर रखें
सावधानी बरतनी चाहिए
ठंड के इस मौसम में हर व्यक्ति को पूरी तरह से सावधानी बरतनी चाहिए. थोड़ी सी लापरवाही भी उन्हें बीमार बना सकता है. ठंड से बचने के लिए सुबह शाम शुष्म पेयजल का सेवन करने के साथ-साथ खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए. गरम भोजन खाना चाहिए. ठंडे पेय पदार्थ कतई नहीं पीएं. नवजात बच्चों को मां अपने शरीर से चिपका कर रखें और उसका शरीर पूरी तरह साफ और गरम कपड़ों से लपेट कर रखें. पेट-सीना में दर्द और कै-दस्त की शिकायत होने पर अविलंब डाक्टर से मिले.
डाॅ चंद्रशेखर आजाद, चिकित्सक, सदर अस्पताल
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