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कोमल हाथों में स्टेयरिंग की कमान

जहानाबाद : शहर की यह समस्या कोई नई नहीं है. कई वषों से स्वरोजगार के नाम पर नगर सेवा टेंपो का परिचालन किया जा रहा है. जहानाबाद स्टेशन से समाहरणालय तक एनएच 83 पर कम से कम पांच सौ टेंपो प्रतिदिन दौड़ती है. इसके अलावा टेहटा, मखदुमपुर, काको, किंजर, शकुराबाद, घोसी, हुलासगंज, नदौल तक यात्रा […]

जहानाबाद : शहर की यह समस्या कोई नई नहीं है. कई वषों से स्वरोजगार के नाम पर नगर सेवा टेंपो का परिचालन किया जा रहा है. जहानाबाद स्टेशन से समाहरणालय तक एनएच 83 पर कम से कम पांच सौ टेंपो प्रतिदिन दौड़ती है.

इसके अलावा टेहटा, मखदुमपुर, काको, किंजर, शकुराबाद, घोसी, हुलासगंज, नदौल तक यात्रा करने के लिए चार सौ से अधिक फोर स्ट्रॉक और पियाजियो टेंपो उपलब्ध है.

बिडंवना यह है कि जिले के विभिन्न सड़क मार्गों पर चलने वाले तकरीबन एक हजार टेंपो में सैकड़ों की संख्या में वैसे चालक हैं जो किशोरवस्था के हैं और उनके पास लाइसेंस भी नहीं है. अव्यस्क लड़कों को एनएच 83 और एनएच 110 पर सरपट वाहन दौड़ाते रोज देखे जा सकते हैं. तेज रफ्तार में टेंपो चलाना नाबालिगों की फिदरत है.

अक्सर होते हैं झगड़े : महिला और पुरुषों की भीड़ प्रतिदिन हजारों में रहती है. सरकारी काम करने वाले, गांव से शहर में बाजार करने वाले, व्यवसाय करने वाले टेंपो से यात्रा करते हैं. अपनी समझ के तहत यात्री कम उम्र के चालकों के वाहन पर पहले सवार नहीं होते लेकिन यात्रियों की भीड़ का दवाब और जल्दी कार्यालय पहुंचने की विवशता में लोग नौसिखिए चालकों के टेंपो पर सवार होते हैं. काको मोड़ से टेंपो पर सवार होते हैं.
काको मोड़ से समाहरणालय या व्यवहार न्यायालय तक जाने के दौरान चालकों में जल्दी पहुंचने और पुन: अगला ट्रिप लगाने की होड़ रहती है. ऐसी हालत में तेज रफ्तार से वाहन चलाने पर यात्री उन्हें मना करते हैं. सुधार करने के बजाय चालक यात्रियों से ही झगड़ बैठते हैं. इसे लेकर अक्सर हुए झगड़े में कुछ रंगरूट चालकों की लोगों ने पिटाई की है लेकिन आदत से लाचार चालक अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं.
लग जाता है जाम : बेतरतीब ढंग से वाहन चलाने से यात्रियों के समक्ष जान का खतरा तो बना ही रहता है साथ ही टेंपो चालकों की मनमानी से एन एच पर जाम लग जाता है. अधिक भाड़ा कमाने के उदे्श्य से खासकर नाबालिग चालक उन स्थानों पर वाहन खड़ा कर देते हैं. जहां नो पार्किंग जोन का बोर्ड लगा था.
पूर्व में हुए जद्दोजहद के बाद शहर के कई स्थानों पर ठहराव और नो पार्किंग के बोर्ड टांगे गये हैं. जिसका कोई औचित्य नहीं है. काको मोड़, उंटा मोड़, अरवल मोड़, फिदा हुसैन मोड़, अस्पताल मोड़ पर चालकों की मनमानी से रोज जाम लग रहा है जिससे नाहक ही आमलोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है.
ओवरलोडिंग पर भी नहीं लग रहा लगाम : यह समस्या ग्रामीण पथों पर चलने वाले टेंपो के साथ है. आठ सीटेट पियाजिओ टेंपो पर 12-15 लोगों को बैठाकर ढोया जा रहा है. अधिक भाड़ा कमाने के फेर में चालक अपनी सीट पर तीन-तीन लोगों को बिठाकर ले जाते हैं जो कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकता है.
हो चुकी है दुर्घटनाएं: अवयस्कों के द्वारा तेज गति से वाहन चलाने और ओवरलोड टेंपो से जाने के दौरान पूर्व में कई दफे दुर्घटनाएं हो चुकी है. जिसमें घायल होकर यात्री सदर अस्पताल में भरती हुए हैं.
शहर में डिवाइडर से और बाइक से टकराकर टेम्पो उलटने की घटनाएं हो चुकी है. नौरन, मई, गोडिहा और नेहालपुर के समीप एन एच पर दुर्घटनाएं होने के बावजूद चालक अपनी आदत में सुधार नहीं कर रहे हैं.

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