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इंटर में एडमिशन की होड़

जहानाबाद (नगर) : जिले में मैट्रिक का रिजल्ट निकलने के बाद इंटरमीडिएट में नामांकन के लिए कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की चहल-पहल बढ़ गयी है. हर छात्र-छात्रा की यह तमन्ना है कि उसे बेहतर कॉलेज मिले इसके लिए वे अभी से ही दौड़ लगाने लगे हैं. हालांकि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा अभी तक छात्रों का […]

जहानाबाद (नगर) : जिले में मैट्रिक का रिजल्ट निकलने के बाद इंटरमीडिएट में नामांकन के लिए कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की चहल-पहल बढ़ गयी है. हर छात्र-छात्रा की यह तमन्ना है कि उसे बेहतर कॉलेज मिले इसके लिए वे अभी से ही दौड़ लगाने लगे हैं. हालांकि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा अभी तक छात्रों का मार्क्सशीट नहीं भेजा गया है.

इसके बावजूद भी छात्र व अभिभावक नामांकन के लिए परेशान नजर आ रहे हैं. जिले के अधिकतर इंटर कॉलेजों एवं प्लस-टू विद्यालयों में इंटरमीडिएट में नामांकन के लिए एडमिशन फार्म की बिक्री अब तक शुरू नहीं हुई है. इसके बाद भी कॉलेजों एवं प्लस-टू विद्यालयों में छात्रों एवं उनके अभिभावकों की भीड़ जुट रही है तथा वे एडमिशन के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के साथ ही परिचितों से संपर्क भी करते देखे जा रहे हैं, ताकि उनके बच्चे का नामांकन सुनिश्चित हो सके.

वैसे तो जिले में इंटरमीडिएट में नामांकन के लिए छात्र-छात्राओं के पास कई विकल्प हैं. मगध विश्वविद्यालय से अंगीभूत व संबद्ध कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई तो होती ही है, बोर्ड से कोड प्राप्त 35 सरकारी प्लस-टू विद्यालयों में भी इंटरमीडिएट की पढ़ाई होती है.

* छात्रों को मैसेज भेज दी जा रही एडमिशन की जानकारी : इंटर स्तर की शिक्षा देनेवाले जिले में संचालित निजी विद्यालय छात्रों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए मैसेज भेज कर एडमिशन की जानकारी दे रहे हैं. विशेष रूप से बोर्ड से इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए कोड प्राप्त कर चुके प्लस-टू स्कूलों के संचालकों द्वारा छात्र-छात्राओं को मैसेज भेजा जा रहा है. जिले में बोर्ड से कोड प्राप्त 35 प्लस टू विद्यालय हैं. हालांकि छात्र-छात्राओं का रुझान सबसे पहले सरकारी कॉलेजों की ओर है, जहां वे अपना नामांकन कराना चाहते हैं. अगर वहां उनका नामांकन नहीं हुआ, तब वे कोड प्राप्त सरकारी स्कूलों की ओर अपना रुख करेंगे.

* 14 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं हुए हैं उत्तीर्ण : जिले में इस बार वार्षिक माध्यमिक परीक्षा में 16 हजार दो सौ से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जिनमें 14 हजार से अधिक परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए. ऐसे में कम अंक लानेवाले छात्रों का नामांकन भले ही सरकारी कॉलेजों में न हो, प्लस-टू स्कूलों में तो उनका नामांकन हो ही जायेगा. इसमें वैसे छात्र जिनका रिजल्ट काफी बेहतर है, वे पटना या गया नामांकन के लिए दौड़ लगा रहे हैं.

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