जहानाबाद (नगर). अमर शहीद जगदेव प्रसाद सदर अस्पताल कहने को तो जिले का सबसे बड़ा तथा सुविधा संपन्न अस्पताल है लेकिन यहां गंभीर मर्ज का इलाज नहीं होता है. ऐसे मरीजों को सीधे पीएमसीएच रेफर कर दिया जाता है. कई बार तो मरीज पटना जाने को तैयार नहीं होते हैं, फिर भी उन्हें पीएमसीएच के लिए रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में मरीज न घर का रहता है और न ही घाट का. मजबूरन उसे निजी क्लिनिक का सहारा लेना पड़ता है.
बता दें कि सदर अस्पताल को सुविधा संपन्न बनाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा प्रति वर्ष लाखों रुपये खर्च कर नये-नये यूनिट तथा उपकरण लगाये जाते हैं लेकिन कर्मियों तथा चिकित्सकों के अभाव में इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पाता है. सदर अस्पताल में वर्षो से बने आइसीयू व एसएनसीयू का अब तक शुरू नहीं हो पाना यही दरसाता है कि अस्पताल प्रशासन को मरीजों की फिक्र नहीं है. बल्कि उन्हें सिर्फ अपनी ड्यूटी पूरा करना है. अस्पताल में नित्य दिन गंभीर व लाचार मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं लेकिन यहां उनका समुचित इलाज करने के बजाय उन्हें सीधे पटना रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में ग्रामीण इलाकों से आये मरीजों के समक्ष यह संकट उत्पन्न हो जाता है कि वे पीएमसीएच कैसे जा पायेंगे तथा वहां उनकी देखभाल कौन करेगा.
इस बाबत अस्पताल उपाधीक्षक डॉ केके राय का कहना है कि यहां सभी तरह के मरीजों का इलाज होता है. जो मरीज यहां संभलने लायक नहीं होता है उसे रेफर किया जाता है. हालांकि उनका भी यह मानना है कि चिकित्सक तथा उपकरणों के अभाव में कई बार मरीज को रेफर कर दिया जाता है.