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गौरव के हत्यारे को उम्रकैद

फैसला. हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रखा बरकरार घोसी जहानाबाद : आज से ठीक सात साल पहले दीपावली के दिन पांच नवंबर, 2010 को घोसी के परियावां गांव के नवल किशोर शर्मा के पुत्र गौरव (13 वर्ष) की हत्या गोली मारकर कर दी गयी थी. हत्या के जुर्म में गांव के धमेंद्र कुमार […]

फैसला. हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रखा बरकरार

घोसी जहानाबाद : आज से ठीक सात साल पहले दीपावली के दिन पांच नवंबर, 2010 को घोसी के परियावां गांव के नवल किशोर शर्मा के पुत्र गौरव (13 वर्ष) की हत्या गोली मारकर कर दी गयी थी. हत्या के जुर्म में गांव के धमेंद्र कुमार पिता मधुसूदन शर्मा को जहानाबाद न्यायालय से 2013 में उम्रकैद की सजा सुनायी गयी थी.
इसके खिलाफ धर्मेंद्र ने पटना उच्च न्यायालय में अपील की थी. मगर वहां भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है. हाईकोर्ट के फैसले से मृतक के परिवार एवं पिता नवल किशोर शर्मा ने बताया कि न्यायालय पर पूरा विश्वास था. मामले में धर्मेंद्र, दादा रामाशीष सिंह समेत 12 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. केस की सुनवाई पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के मंडल एवं मिश्रा जी के डबल बेंच में हुई. आरोपित के वकील कन्हैया लाल थे वहीं सूचक के वकील सुनील कुमार थे.
क्या है मामला : घोसी के परियावां के नवल किशोर शर्मा के पुत्र गौरव कुमार की हत्या सात साल पूर्व दीपावली के दिन की गयी थी. वह अपने गांव के बगल के गांव में गेहूं पिसाने के लिए रख कर अपने घर जा रहा था, तभी गांव के ही बगलगीर धर्मेंद्र कुमार ने गोली मार कर हत्या कर दिया था. हत्या की खबर पूरे इलाके में फैल गयी. सूचना पाकर घोसी पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. मामले में मृतक के पिता के बयान पर घोसी थाने में कांड संख्या 240/10 के तहत दर्ज किया गया था.
सात साल पहले दीपावली के दिन की गयी थी गौरव की हत्या
मृतक के माता-पिता ने कहा, भगवान व कोर्ट पर था विश्वास

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