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किराये के मकान में चल रहा कार्यालय

परेशानी. गव्य िवकास कार्यालय में कर्मियों व संसाधनों की घोर कमी महिसौड़ी स्थित एक निजी भवन में संचालित गव्य विकास कार्यालय कर्मियों और संसाधनों की कमी की वजह से अपनी बदहाली पर आंशु बहाने को विवश है. जमुई : जिला मुख्यालय के बाइपास रोड महिसौड़ी स्थित एक निजी भवन में संचालित गव्य विकास कार्यालय कर्मियों […]

परेशानी. गव्य िवकास कार्यालय में कर्मियों व संसाधनों की घोर कमी

महिसौड़ी स्थित एक निजी भवन में संचालित गव्य विकास कार्यालय कर्मियों और संसाधनों की कमी की वजह से अपनी बदहाली पर आंशु बहाने को विवश है.
जमुई : जिला मुख्यालय के बाइपास रोड महिसौड़ी स्थित एक निजी भवन में संचालित गव्य विकास कार्यालय कर्मियों और संसाधनों की कमी की वजह से अपनी बदहाली पर आंशु बहाने को विवश है. राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2008 में गव्य विकास कार्यालय की स्थापना इस उद्देश्य की गयी थी कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लोगों को इस कार्यालय के सहयोग से बैंक से अनुदान पर ऋण लेकर और दुधारू मवेशियों को पाल कर और दूध का व्यवसाय कर अपने जीवन स्तर को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बना सकें. विभाग के कर्मियों की माने तो एक तो गव्य विकास का कार्यालय भवन के अभाव में किराये के मकान में चल रहा है.
वहीं विभाग में क्षेत्र पदाधिकारी के पांच सृजित पद के विरुद्ध दो क्षेत्र पदाधिकारी कार्यरत हैं. वहीं वाहन चालन,प्रधान सहायक और आदेशपाल के सभी पद रिक्त है. विभाग में मात्र कर्मी के रूप में एक टंकक कार्यरत है. जिसके कारण कार्यों के निष्पादन में काफी परेशानी होती है. मात्र दो क्षेत्र पदाधिकारी के सहारे 180 डेयरी पशुपालक अपना कार्य कर रहे हैं.
कहते हैं पदाधिकारी
इस बाबत जिला गव्य विकास पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि संसाधनों और कर्मियों की कमी को लेकर विभाग को लिखा गया है, लेकिन विभाग द्वारा इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
कर्मियों की कमी से परेशानी
विभाग कर्मियों की कमी के कारण अभी वित्तीय वर्ष 2015-16 योजना को कार्यान्वित करने में लगा हुआ है. इस योजना में 2 से 5 दुधारु मवेशी लोगों को अनुदान कर दिया जाता है. जिसमें सामान्य,पिछड़ा तथा अति पिछड़ा वर्ग को 50 प्रतिशत व अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है. इसके अलावे दुग्धपालन समिति के सदस्यों को अधिक से अधिक मुनाफा के लिए प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गयी है. बेहतर दुग्ध उत्पादन करने वाले मवेशीपालकों को पुरस्कृत भी करने की व्यवस्था विभाग की ओर से की गयी है] लेकिन कर्मियों की कमी सभी कार्यों के ससमय निष्पादन में बहुत बड़ी बाधा बनी हुई है.

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