जमुई/कटिहार : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को जमुई के क्षत्रियकुंड में शुक्रवार को जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की प्रतिमा पुनर्स्थापित की गयी. मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे. डेढ़ घंटे तक वे क्षत्रियकुंड में रहे और यहां के विकास को लेकर चर्चा की. सीएम ने मंदिर निर्माण के दौरान जमीन के नीचे की गयी खुदाई में मिले 200 ईसा पूर्व शुंगकालीन ईंटों का अवलोकन किया. सीएम ने कहा कि पुरातत्व विभाग से सर्वे करवा कर इस स्थान की खुदाई की जायेगी. वहीं, सीएम ने कटिहार के बरारी प्रखंड अंतर्गत लक्ष्मीपुर सरदार नगर स्थित नवनिर्मित श्री गुरु तेग बहादुर साहेब जी गुरुद्वारा के शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया.
पुरातत्व विभाग करेगा सर्वे
जमुई के क्षत्रियुकंड में मंदिर निर्माण के दौरान जमीन के नीचे की गयी खुदाई में 200 ईसा पूर्व पूर्व शुंग कालीन ईंटों का अवशेष मिला था. शुक्रवार को जन्म स्थान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भगवान महावीर की पूजा अर्चना के उपरांत मंदिर के नीचे से मिले प्राचीन कालीन ईंट का भी अवलोकन किया. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि इस स्थान के प्राचीन महत्व को देखते हुए एवं प्राचीन काल के अवशेषों के मिलने के बाद पुरातत्व विभाग से सर्वे करवा कर इस स्थान की खुदाई की जायेगी. भगवान महावीर के जन्मस्थान क्षत्रिय कुंड में मूर्ति की पुनर्स्थापना कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डेढ़ घंटे तक खैरा में रहे. हालांकि, उनका 45 मिनट का ही कार्यक्रम पूर्व से निर्धारित था पर वह क्षत्रिय कुंड के विकास को लेकर काफी उत्सुक दिखे और डेढ़ घंटे से भी अधिक समय क्षत्रिय कुंड जन्मस्थान में बिताया.
कटिहार में लक्ष्मीपुर सरदारनगर के ऐतिहासिक महत्व को जाना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कटिहार जिले के बरारी प्रखंड अंतर्गत लक्ष्मीपुर सरदार नगर स्थित नवनिर्मित श्री गुरु तेग बहादुर साहेब जी गुरुद्वारा के शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया. उद्घाटन के पश्चात मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारा में मत्था टेका. सिखों के 9वें गुरू श्री तेग बहादुर जी के 343वें शहीदी गुरु पर्व के अवसर पर अखंड पाठ और शबद कीर्तन में भी मुख्यमंत्री ने हिस्सा लिया. गौरतलब है कि 17वीं शताब्दी में श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज असम यात्रा के दौरान सिख नगी भवानीपुर उचला एवं लक्ष्मीपुर पधारे थे. नवनिर्मित गुरुद्वारा भवन का निर्माण लगभग एक करोड़ 60 लाख रुपये की लागत से हुआ है. यह गुरुद्वारा सिख सर्किट से भी जुड़ गया है.
इस अवसर पर अमृतसर दरबार के जत्थेदार ज्ञानीमान सिंह ने भी अखंड पाठ किया. आयोजकों ने मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र और तस्वीर भेंटकर उन्हें सम्मानित किया. इस दौरान सीएम ने गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रतिनिधियों के साथ ऐतिहासिक गुरुद्वारा के महत्व से रूबरू भी हुए. प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को को गुरु तेग बहादुर की असम यात्रा के दौरान यहां पहुंचने की गाथा से भी अवगत कराया. सीएम ने प्रबंधन कमेटी के प्रतिनिधियों से कई महत्वपूर्ण जानकारी भी हासिल की.