जमुई : जीएसटी को लेकर व्यवसाइयों की दुविधा बढ़ती जा रही है. प्रतिदिन नयी-नयी बातें सामने आ रही है. इससे उहापोह की स्थिति है. लोगों का मानना है कि इस एक्ट के स्थानीय विशेष जानकार लोगों को शिविर लगाकर व्यवसायियों को इस एक्ट और प्रावधान के बारे में जानकारी देनी चाहिए. कई व्यापारी अभी तक अनिर्णय की स्थिति में है कि उन्हें अपने प्रतिष्ठान का इस एक्ट के तहत निबंधन कराना चाहिए या नहीं.
कर संरचना को लेकर भी व्यापारियों के बीच अनिश्चितता की स्थिति है. स्थानीय व्यवसायी प्रकाश साव, संजय कुमार, कमलेश कुमार, पवन कुमार, त्रिवेणी मंडल आदि ने बताया कि शिविर लगाने के बाद भी छोटे री जो बहुत ज्यादा साक्षर नहीं है उन्हें इस विषय में समझाना थोड़ा कठिन होगा. वैसे व्यापारियों को इस की बारीकियों को समझने में समय लगेगा. साथ ही व्यापारियों ने बताया कि जीएसटी को लेकर सरकार में अस्थिरता की स्थिति है. नोटबंदी के समय भी लगातार हर दिन सरकार द्वारा स्टैंड बदला जा रहा था
जो जीएसटी लागू करने में भी किया जा रहा है. कुछ भी क्लियर नहीं हो पा रहा है. इसमें तीन बार रिटर्न फाइल करने की बात कही जा रही है. हर व्यापारी पढ़ा लिखा नहीं है और जो पढ़ा लिखा है उसे कंप्यूटर की जानकारी नहीं है. ऐसे में जीएसटी लागू होने के बाद हम व्यापारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. साथ ही व्यवसायियों ने मांग की है कि जीएसटी लागू होने के बाद पहले छह महीने तक व्यवसायियों को कर मुक्त किया जाये ताकि उन्हें जीएसटी को समझने में थोड़ा वक्त मिल सके.