गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज में रंगरेलियां मनानेवाले दारोगा के बचाव में महिला उतर आयी है. महिला को लेकर दारोगाने अनुसूचित जाति जनजाति थाने में मुखिया और सरपंच समेत गांव के कई लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है. जांच करने जब दलित थाने की पुलिस गांव में पहुंची तो ग्रामीण भौचक रह गये. ग्रामीणों को महिला की करतूत पर भरोसा नहीं हो रहा था. पुलिस इस मामले में गंभीरता से जांच में जुटी है. गांव के लोगों ने पूरे घटना में दारोगा और महिला के संबंधों का पोल खोल कर रख दिया है.
ध्यान रहे कि कुचायकोट थाने में तैनात दारोगा प्रदुमन सिंह को सिरसिया गांव में बीती रात एक महिला के साथ संदिग्ध स्थिति में ग्रामीणों ने पकड़ा. दारोगा को लूंगी-गंजी में देख लोगों ने पिटाई की. बाद में ग्रामीण पंचायत में उसे लेकर पहुंचे, जहां रात के 11 बजे पंचायत बैठी. पंचायत में सार्वजनिक तौर पर दारोगा ने अपनी गलती को कबूल किया. पंचायत के सामने माफी मांगी. माफी मांगने के बाद पंचायत ने दुबारा गांव में नहीं आने की चेतावनी देकर चौकीदार मनोज प्रसाद के हवाले कर दिया. ग्रामीणों की मानें तो महिला के घर पिछले एक साल से दारोगा का रात में आना-जाना लगा था.
आशिक मिजाज दारोगा को पकड़ कर पीटा, निलंबित
ग्रामीण बताते हैंकि कपड़ा कारोबारी हीरा लाल के दरवाजे पर बाइक खड़ी कर दारोगा घटना के दिन महिला के घर पहुंचा था. मामले का खुलासा होने के बाद आरोपित दारोगा को निलंबित कर दिया गया है. इस बीच दारोगा दिन में महिला के घर पहुंचा और उसे लेकर अनुसूचित जाति जनजाति थाना पहुंच कर मुखिया धर्मेंद्र मिश्रा, सरपंच रामाश्रय मिश्रा समेत एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ गाली गलौज और मारपीट करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की है. इस शिकायत के बाद ग्रामीणों में एक बार फिर से आक्रोश देखा जा रहा है.