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कैश के लिए 20 दिनों से लौट रहे थे ग्राहक

स्टेट बैंक का खजाना खाली गोपालगंज : स्टेट बैंक का खजाना दो सप्ताह से खाली है. कैश के अभाव में बैंक के ग्राहक से लेकर कर्मी तक परेशान हैं. प्रतिदिन बैंकों में तू- तू, मैं- मैं और विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है. बैंक में जमा होनेवाली राशि से पिछले एक सप्ताह से भुगतान […]

स्टेट बैंक का खजाना खाली

गोपालगंज : स्टेट बैंक का खजाना दो सप्ताह से खाली है. कैश के अभाव में बैंक के ग्राहक से लेकर कर्मी तक परेशान हैं. प्रतिदिन बैंकों में तू- तू, मैं- मैं और विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है. बैंक में जमा होनेवाली राशि से पिछले एक सप्ताह से भुगतान किया जा रहा है. उम्मीद थी कि सोमवार को चेस्ट में करेंसी की खेप पहुंचेगी, लेकिन आरबीआइ कैश की खेप नहीं भेज पाया. स्थिति है कि कैश के अभाव में लोगों का धैर्य भी टूटने लगा है. ग्रामीण इलाके के स्टेट बैंक में आये दिन विवाद हो रहा है. इसी क्रम में मंगलवार को सासामुसा स्टेट बैंक के ग्राहकों ने तीन घंटे तक एनएच-28 को जाम रखा. यह सिर्फ सासामुसा की ही स्थिति नहीं है, बल्कि जिले के अधिकतर बैंकों में है.
करेंसी बिगाड़ रही गणित : कैश संकट गोपालगंज में सबसे अधिक इसलिए भी बना हुआ है कि यहां बैंकों से निकलनेवाली करेंसी वापस बैंक लौट कर नहीं जा रही है. इसके कारण बैंकों का गणित बिगड़ गया है. एक आकलन के मुताबिक बैंक से प्रतिमाह 685 करोड़ की राशि की निकासी हो रही है. नियमानुसार 560 करोड़ की राशि यानी 80 फीसदी राशि बैंक में वापस होने का गणित है. लेकिन, यहां 30 फीसदी राशि भी वापस बैंक तक नहीं पहुंच रही है. आखिर यह राशि कहां जा रही है, यह चिंता का विषय बना हुआ है. जानकार बताते हैं कि एक ग्राहक अगर एक हजार रुपये निकालता है, तो उससे कपड़ा, राशन, सब्जी या रोजमर्रे का सामान खरीदता है. यह राशि विभिन्न दुकानों और संस्थानों से घूमते हुए पुन: बैंक तक पहुंचती है, जो नहीं हो रहा है.
नोटबंदी के दौरान स्टेट बैंक में नहीं थी क्राइसिस : जब आठ नवंबर को पूरे देश में नोटबंदी की गयी, तब बैंक करेंसी संकट से जूझने लगे. उस वक्त भी स्टेट बैंक का खजाना नोटों से खाली नहीं हुआ. बैंक को आरबीआइ की तरफ से समय-समय पर नोट उपलब्ध कराया गया. लेकिन, स्थिति सुधरने के बाद स्टेट बैंक को कैश नहीं मिल पा रहा है. सूत्रों की मानें, तो प्रतिमाह स्टेट बैंक को चार सौ करोड़ की जरूरत है. इसके एवज में इस माह एक सौ करोड़ भी राशि नहीं मिल पायी है. सेंट्रल बैंक के चेस्ट में भी राशि नहीं भेजी गयी है. इसके कारण स्टेट बैंक से जुड़े अन्य बैंकों में भी करेंसी का संकट है.
इलाज के लिए बेचना पड़ा जेवर : सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंची राधिका देवी को डॉक्टरों ने कई जांच कराने के लिए लिख दिया. वह बैंक से पैसा लेने के लिए पहुंची. उसे जब तीन घंटे तक लाइन में खड़ा होने के बाद पता चला कि कैश नहीं है तो वह फफक पड़ी. उसके साथ आयी पड़ोसी महिला विमला देवी ने उसे समझाया. अंत में गले से सोने की चेन को निकाल कर बंधक रखा और अपना इलाज कराया. यह सिर्फ राधिका ही पीड़ा नहीं बल्कि ऐसे सैकड़ों लोग परेशान हैं.
जल्द दूर होगी परेशानी
आरबीआइ से नोट की खेप रविवार को ही आनी थी. कैश नहीं मिलने के कारण समस्या है. एक दो दिनों में इस समस्या का समाधान हो जायेगा. जल्दी ही आरबीआइ से कैश पहुंचने की संभावना है.
अनिल कुमार, एलडीएम, गोपालगंज

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