गोपालगंज :बैंकों के काउंटरों से भुगतान किया जाने लगा है. शहरी क्षेत्रों के बैंकों में ग्राहकों की भीड़ कम होने से राहत है. आरबीआइ से कैश की खेप जरूरत के हिसाब से नहीं मिलने के कारण मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं, जबकि पांच सौ की खेप आरबीआइ से आने के बाद अब लंबी कतारें नहीं दिख रही हैं. पांच सौ के नोट आने के बाद थोड़ी राहत है. मंगलवार को एसबीआइ में किसी काउंटर पर लाइन नहीं थी. सेंट्रल बैंक व पीएनबी मुख्य शाखा में भी कमोबेश ऐसे ही हालात रहे.
एसबीआइ मुख्य शाखा में लाइन जरूर दिखी, मगर पहले की अपेक्षा काफी कम थी. एचडीएफसी व एक्सिस बैंक की शाखाओं पर भी लाइन नहीं दिखी, जबकि इलाहाबाद बैंक, काॅपोरेशन बैंक, महेंद्रा कोटक, सिंडिकेट, यूको, देना, बैंक ऑफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक की शाखाओं में भी ग्राहकों को कुछ-न-कुछ राशि लेकर उन्हें खुश करने का प्रयास किया जा रहा था. सबसे अधिक संकट से जूझ रहे ग्रामीण बैंक में भी पांच से दस हजार रुपये का भुगतान ग्राहकों को दिया गया.
ग्रामीण इलाके में संकट : ग्रामीण बैंक में अब भी संकट बरकरार है. ग्रामीण इलाके में सर्वाधिक ग्रामीण बैंक की शाखाएं हैं. आरबीआइ से ग्रामीण बैंक को पर्याप्त कैश नहीं मिलने के कारण संकट बरकरार है. ग्रामीण बैंक के रीजनल मैनेजर अनिल कुमार सिंह आरबीआइ से पत्राचार कर रहे हैं.
शहर की 21 एटीएम बंद : शहर की कुल 27 एटीएम में से 21 नोटबंदी के समय से ही बंद हैं. कैश की कमी के कारण अब भी एटीएम का शटर नहीं उठ रहा है. स्टेट बैंक और सेंट्रल बैंक की एटीएम पर भी भीड़ कम है. अन्य जगहों पर कहीं चार तो कहीं पांच लोग लाइन में खड़े थे. एसबीआइ मुख्य शाखा स्थित मौनिया चौक एटीएम पर हमेशा लंबी लाइन लग रही है.