11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एक दर्जन गांवों पर खतरा

बाढ़ की आशंका. गंडक का जल स्तर बढ़ने से खलबली नेपाल के तराई क्षेत्रों में रुक-रुक कर हो रही बारिश से वाल्मीकि नगर बराज के जरिये गंडक नदी में 1.86 लाख क्यूसेक अचानक जल डिस्चार्ज किये जाने से गंडक नदी में उफान आ गया है. गोपालगंज : गंडक नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ […]

बाढ़ की आशंका. गंडक का जल स्तर बढ़ने से खलबली

नेपाल के तराई क्षेत्रों में रुक-रुक कर हो रही बारिश से वाल्मीकि नगर बराज के जरिये गंडक नदी में 1.86 लाख क्यूसेक अचानक जल डिस्चार्ज किये जाने से गंडक नदी में उफान आ गया है.
गोपालगंज : गंडक नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. बढ़ते जल स्तर से तटबंधों पर काफी दबाव है. खास कर पतहरा तटबंध पर नदी का सीधा अटैक होने से बाढ़ नियंत्रण विभाग की नींद उड़ गयी है. विभाग ने हाइ अलर्ट करते हुए तटबंधों की चौकसी बढ़ा दी है. होमगार्ड के जवानों को सुरक्षा के लिए कमान संभाल लेने का निर्देश दिया गया है. नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. हालांकि शाम चार बजे 1.67 लाख क्यूसेक जल डिस्चार्ज आंका गया है.
नदी का रुख इस बार गोपालगंज की तरफ होने से एक दर्जन गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. नदी एरीया के गांव कठघरवा, मलाहीटोला, जगीरीटोला, ख्वाजेपुर, मकसुदपुर, हिरापाकड़, रामपुर टेंगराही, भैंसही, सलेहपुर, सिपाया खास, काला मटिहिनिया, खेम मटिहिनिया, विशंभरपुर, मसानथाना, पतहरा जैसे गांवों पर खतरा मंडराने लगा है. बाढ़ नियंत्रण विभाग का मानना है कि नदी का जल स्तर बढ़ रहा है, जिससे बांधों पर दबाव है. जल स्तर घटने के साथ ही कटाव शुरू होता है जिसको लेकर एहतियात बरता जा रहा है.
तटबंधों पर बढ़ा नदी कर दबाव, उड़ी विभाग की नींद
पतहरा तटबंध विभाग के लिए चुनौती
गंडक नदी में आयी उफान इस वर्ष का पहला उफान है. पतहरा तटबंध पिछले पांच वर्षों से बाढ़ नियंत्रण विभाग के लिए चुनौती बना है. इस तटबंध को सुरक्षित करने के नाम पर इस पांच वर्षों में करोड़ों रुपये खर्च किये जा चुके हैं. फिर भी यह तटबंध चुनौती है. नदी का सीधा अटैक विशुनपुर छरकी पर होने से मुश्किल बढ़ी हुई है. वैसे गंडक नदी के जल स्तर बढ़ते ही यहां बाढ़ एक्सपर्ट अधीक्षण अभियंता मुरली सिंह, बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष अब्दुल हमीद,
सहायक अभियंता श्याम कुमार, सचिन कुमार, रमानुग्रह सिंह की टीम यहां की पल-पल की स्थिति पर नजर रख रही है, जबकि कार्यपालक अभियंता शरत कुमार यहां कैंप कर बचाव की निगरानी में लगे हैं. अभियंताओं ने तटबंध को फिलहाल पूरी तरह से सुरक्षित बताया है.
पायलट चैनल नहीं आया काम
गंडक नदी की धारा को मोड़ने के लिए पायलट चैनल का निर्माण करा कर मुख्य धारा से जोड़ने के साथ ही ड्रेनेज कर नदी में आये गाद को साफ करने के नाम पर लाखों रुपये खर्च किये गये. इस बार भी यह योजना सफल नहीं हुई. गंडक नदी की धारा नहीं मुड़ी है. अटैक सीधा विशुनपुर तटबंध पर है. तटबंध पर अटैक होने से अगर कटाव शुरू हुआ, तो गोपालगंज शहर में भी बाढ़ 1999 के इतिहास को दुहरा सकती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें